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टिक-टॉक बैन के बाद स्वदेशी एप चिंगारी ने जुटाए 10 करोड़ रुपये - टिकटॉक

देश में चीन विरोधी भावना के बीच टिकटॉक के विकल्प के तौर पर प्रमुखता से उभरकर सामने आई स्वदेशी शॉर्ट वीडियो-शेयरिंग एप चिंगारी ने करीब 10 करोड़ रुपये का फंड जुटाया है. चिंगारी एप आत्मनिर्भर भारत ऐप इनोवेशन चैलेंज के सामाजिक श्रेणी में शीर्ष विजेता के रूप में भी उभरा है, जिसे पीएम नरेंद्र मोदी ने 4 जुलाई को लॉन्च किया था.

देसी एप चिंगारी
देसी एप चिंगारी

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Published : Aug 10, 2020, 10:55 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 7:31 PM IST

नई दिल्ली : देश में चीन विरोधी भावना के बीच टिकटॉक के विकल्प के तौर पर प्रमुखता से उभरकर सामने आई स्वदेशी शॉर्ट वीडियो-शेयरिंग एप चिंगारी ने करीब 10 करोड़ रुपये का फंड जुटाया है. चिंगारी को यह फंडिंग सीड राउंड में मिली है, जिसमें एजेंललिस्ट इंडिया, उत्सव सोमानी की आईसिड, विलेज ग्लोबल, लॉगएक्स वेंचर और नाउफ्लॉट्स के जसमिंदर सिंह गुलाटी जैसे निवेशक शामिल हैं.

कंपनी ने रविवार को एक बयान में कहा कि प्रमुख तौर पर इस फंड का इस्तेमाल नई भर्ती और उत्पाद विकास (प्रोडक्ट डेवलपमेंट) के लिए किया जाएगा. चिंगारी एप अब अपने प्लेटफॉर्म की पहुंच को बढ़ाने और इसे उपभोक्ता केंद्रित बनाने पर जोर दे रही है.

कंपनी ने एक बयान में कहा कि फंडिंग का उपयोग उत्पाद विकास में तेजी लाने, मंच को आगे बढ़ाने, अधिक आकर्षक बनाने, उपभोक्ता-केंद्रितबनाने का है. चिंगारी एप अब अपने प्लेटफॉर्म की पहुंच को बढ़ाने और इसे उपभोक्ता केंद्रित बनाने पर जोर दे रही है.

देसी एप चिंगारी

चिंगारी एप के सह-संस्थापक एवं सीईओ सुमित घोष ने कहा, 'हमें खुशी है कि निवेशकों ने हमारे काम को सराहा और चिंगारी की इस यात्रा में साथ चलने का फैसला किया.'

चिंगारी एप ने कहा कि उसके पास 2.5 करोड़ उपयोगकर्ता (यूजर्स) का आधार है और इनमें से 30 लाख लोग ऐसे हैं जो इसके सक्रिय (एक्टिव) उपयोगकर्ता हैं और वह दैनिक तौर पर एक्टिव रहते हैं.

एजेंललिस्ट इंडिया के उत्सव सोमानी ने एक बयान में कहा, 'सुमित और टीम चिंगारी ने दिखाया है कि किसी उत्पाद के फीचर को कैसे लोकप्रिय बनाया है जाता है. ऐसा मैंने पहले कभी नहीं देखा है.'

Last Updated : Feb 16, 2021, 7:31 PM IST

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