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डेमोंस्ट्रेशन को देखकर नए कार्यों को सीख सकेंगे रोबोट - robots

यूएससी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी विधि विकसित की है जो रोबोट को कम संख्या में डेमोंस्ट्रेशन दिखाकर नए कार्यों को सीखने की अनुमति दे सकती है, जैसे कि टेबल की सेट करना या कार चलाना.

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डेमोंस्ट्रेशन को देखने से सीख सकते कार चलाना सीख सकते है रोबोट

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Published : Nov 21, 2020, 10:51 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 7:31 PM IST

लॉस एंजेलिस, कैलिफोर्निया :रोबोट विजन में प्रगति करते हुए यूएससी के शोधकर्ताओं ने एक डेमोंस्ट्रेशन प्रणाली तैयार की है, जिसकी मदद से रोबोट को स्वायत्त रूप से विभिन्न कार्यों को अंंजाम दे सकेंगे. इतना ही नहीं डेमोंस्ट्रेशन के माध्यम से रोबोट अधूरे कार्यों से लेकर जटिल कार्यों तक सीखने में मदद करती है.

इस प्रणाली को कांफ्रेंस ऑन सिग्नल यूजिंग टेम्पोरल लॉजिक लर्निंग समारोह में प्रस्तुत किया गया था.

यूएससी विटर्बी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के कंप्यूटर विज्ञान में पीएचडी के छात्र और अध्ययन के प्रमुख लेखक अनिरुद्ध पुराणिक ने कहा कि कई मशीन लर्निंग और रीइनफोर्समेंट लर्निंग सिस्टम के लिए बड़ी मात्रा में डेटा और सैकड़ों डेमोंस्ट्रेशन की आवश्यकता होती है. आपको एक इंसान को बार-बार डेमोंस्ट्रेशन करने की आवश्यकता होती है, जो संभव नहीं है.

यह नई प्रणाली रोबोट को उसी डेमोंस्ट्रेशन से सीखने में मदद करती है, जिस तरह से मनुष्य एक-दूसरे से सीखते हैं. यह जटिल कार्यों के लिए भी रोबोट की गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद करती है. हालांकि, यह डेमोंस्ट्रेशन करने वाले व्यक्ति की विशेषज्ञता पर निर्भर करता है.

दरअसल, रोबोट की सीखने की प्रक्रिया सुरक्षित या असुरक्षित कार्यों, वांछनीय या अवांछनीय कार्यों के संदर्भ में निर्धारित की जाती है. प्रभावी रोबोट नियंत्रण नीतियों को प्राप्त करने में डेमोंस्ट्रेशन से सीखना तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.

उन्होंने कहा कि अगर मैं कुछ ऐसा करता हूं, जो बहुत असुरक्षित है, तो मानक दृष्टिकोण से रोबोट दो में से एक काम करेंगे: या तो, वे पूरी तरह से अवहेलना करेंगे या इससे भी बदतर, रोबोट गलत चीज़ सीखेगा.

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कंप्यूटर विज्ञान के यूएससी विटर्बी सहायक प्रोफेसर जोया देशमुख जो कि टोयोटा की पूर्व इंजीनियर भी हैं. उन्होने कहा कि सिग्नल टेम्पोरल लॉजिक एक अभिव्यंजक गणितीय प्रतीकात्मक भाषा है, जो वर्तमान और भविष्य के परिणामों के बारे में रोबोट को सक्षम बनाता है. जबकि इस क्षेत्र में पिछले शोध में 'रैखिक अस्थायी लॉजिक' का उपयोग किया गया है, एसटीएल इस मामले में बेहतर है.

जब हम रोबोट और सेल्फ-ड्राइविंग कारों की तरह साइबर-भौतिक प्रणालियों की दुनिया में जाते हैं, जहां समय महत्वपूर्ण होता है, तो रैखिक लौकिक लॉजिक थोड़ा बोझिल हो जाता है, क्योंकि यह गति के लिए सही / गलत मूल्यों के अनुक्रम के कारण है, जबकि एसटीएल भौतिक संकेतों के बारे में तर्क के बारे अनुमति देता है.

Last Updated : Feb 16, 2021, 7:31 PM IST

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