हैदराबाद :तमिलनाडु के एक छोटे से शहर में जन्में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के पिता के पास अपने परिवार का पालन करने के लिए केवल एक नाव थी. डॉ. कलाम शुरू से ही मेहनती थे. पांच साल की उम्र में उन्होंने परिवार का पालन पोषण करने में अपने पिता का सहयोग करने के लिए अखबार बेचना शुरू कर दिया था. वह यह काम स्कूल के बाद शाम को किया करते थे. मिसाइल मैन, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में अधिक जानने के लिए नीचे दिए गए वीडियो पर क्लिक करें -
- डॉ. कलाम भौतिकी और गणित से प्रभावित थे.
- डॉ. कलाम ने 1954 में संत जोसेफ कॉलेज, त्रिचुरापल्ली से स्नातक की पढ़ाई पूरी की.
- 1955 में उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया.
- डॉ. कलाम भारतीय वायु सेना के फाइटर पायलट बनने का अवसर चूक गए. वह इस सूची में नौवें स्थान पर थे और केवल आठ दाखिले ही सम्भव थे. इसलिए पहले आठ शॉर्टलिस्ट उम्मीदवारों की ही भर्ती की गई थी.
- 1960 में डॉ. कलाम DRDO के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान के साथ जुड़ गए.
- 1969 में डॉ. कलाम को सैटेलाइट लॉन्च वाहनों के लिए परियोजना निदेशक बनाया गया और उन्हें इसरो में स्थानांतरित कर दिया गया. कलाम के निर्देशन में यह परियोजना सफल हुई. वह रोहिणी सैटेलाइट श्रृंखला को पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च करने में सक्षम थे.
- डॉ. कलाम को बैलिस्टिक मिसाइलों और लॉन्च वाहन प्रौद्योगिकी पर उनके निरंतर सफल काम के कारण भारत के 'मिसाइल मैन' के रूप में जाना जाता है.
डॉ. कलाम के बारे में कुछ रोचक तथ्य इस प्रकार हैं -
- डॉ. कलाम ने भारत की परमाणु क्षमताओं और पोखरण -2 परमाणु परीक्षणों (1998 में) में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया.
- डॉ. कलाम को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न (1997) सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.
- उनके अन्य पुरस्कारों में पद्म भूषण (1981) और पद्म विभूषण (1990) शामिल हैं.
- दिलचस्प बात यह है कि उन्हें 40 विश्वविद्यालयों के डॉक्टरेट से भी सम्मानित किया गया था.
- उनके जीवन से प्रेरित होकर आई एम कलाम शीर्षक से एक बॉलीवुड फिल्म भी बनाई गई थी.
- डॉ. कलाम भारत और दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं.
- 25 जुलाई, 2002 को कलाम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के राष्ट्रपति बन गए. अपने सरल स्वभाव के कारण उन्हें 'पीपल्स प्रेसिडेन्ट' के रूप में जाना जाता था.
- राष्ट्रपति डॉ. कलाम के दिल में छात्रों और बच्चों के लिए एक नरम स्थान था. उन्होंने लाखों युवा बच्चों को प्रेरित किया. देश भर में उनके दौरों के दौरान वह युवा बच्चों के सवालों के जवाब देते और उनसे मिलते थे. उनका मानना था कि बच्चे किसी भी राष्ट्र के भविष्य हैं.
- न्यूयॉर्क में जेएफके हवाई अड्डे पर डॉ. कलाम को दो बार फंसाया गया. हवाई अड्डे के कर्मचारियों द्वारा विस्फोटक के लिए उनकी जांच भी की गई थी. इस घटना का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने विरोध किया था.
- उनसे एक बार एक पत्रकार ने पूछा था कि उन्हें कैसे याद किया जाना चाहिए. एक वैज्ञानिक, एक राष्ट्रपति या एक शिक्षक के रूप में और उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया मैं पहले एक शिक्षक के रूप में और फिर किसी अन्य व्यक्ति के रूप में याद किया जाना चाहता हूं.
- डॉ. कलाम की स्विट्जरलैंड यात्रा को देश में विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है. उनके सम्मान में यह घोषणा स्विस सरकार द्वारा इस महान व्यक्तित्व के दुखद निधन के बाद की गई थी.
- डॉ. कलाम ने तमिल में बहुत अच्छी कविताएं लिखीं और उन्हें संगीत वाद्ययंत्र, वीणा बजाने का बहुत शौक था.
- राष्ट्रपति की अवधि के दौरान, डॉ. कलाम को प्रतिभा पाटिल के राष्ट्रपति के पद के बाद फिर से कार्यालय में शामिल होने का अनुरोध किया गया था. हालांकि, उन्होंने विनम्रता से इसके लिए मना कर दिया.
- डॉ. कलाम भारत में पहले अविवाहित राष्ट्रपति और वैज्ञानिक थे.
- डॉ. कलाम भारत के केवल तीन राष्ट्रपतियों में से हैं, जिन्हें राष्ट्रपति चुने जाने से पहले भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
पढ़ेंःभारत को अंतरिक्ष तक पहुंचाने वाले डॉ. साराभाई की थी विदेश में भी धमक
- डॉ. कलाम ने डॉ. विक्रम साराभाई को अपना गुरु माना. उन्होंने सलाह और समर्थन के लिए भारतीय मूल के इस महान वैज्ञानिक की ओर रुख किया.
- डॉ. कलाम की पहली बड़ी परियोजना, एसएलवी -3, विफल रही और वह बिखर गया.
- उन्हें 2003 और 2006 में दो बार एमटीवी यूथ आइकन अवार्ड से सम्मानित किया गया.
- अपने अंतिम दिन वह आईआईएम, शिलांग में व्याख्यान दे रहे थे. वह सैकड़ों छात्रों को अपना भाषण देने के लिए मंच पर खड़े थे, जब उन्हें कार्डियक अरेस्ट का सामना करना पड़ा, जिससे वह फर्श पर गिर गये. उन्हें हमेशा पढ़ाने और कड़ी मेहनत करने का शौक था और जिस समय उनकी मृत्यु हुई, वह वही कर रहे थे जो उन्हें पसंद था.