लंदन:अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के बाहर कम पृथ्वी की कक्षा (LEO) के संपर्क में आने के एक वर्ष के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि एक्सोफिलिक बैक्टीरिया डाइनोकोकस रेडियोड्यूरंस रूपात्मक क्षति से बच गए और कई बाहरी झिल्ली वेसिकल (जल स्फोटिका) का उत्पादन किया.
माइक्रोबायोम नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि सेल तनाव को कम करने के लिए एक बहुपक्षीय प्रोटीन और जीनोमिक प्रतिक्रिया शुरू की गई थी, जिससे बैक्टीरिया को डीएनए क्षति को रोकने और प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों की रक्षा करने में मदद मिली.
स्पेस एक्सपोजर के जवाब में ट्रांसपोर्ट और एनर्जी स्टेटस की प्रक्रियाओं में बदलाव किया गया.
अध्ययन से संबंधित लेखक टिलाना मिलोजेविक ने कहा कि यह जांच हमें उन तंत्रों और प्रक्रियाओं को समझने में मदद करती है जिनके माध्यम से जीवन, बाहरी अंतरिक्ष के शत्रुतापूर्ण वातावरण में जीवित रहने और अनुकूलन के साथ हमारे ज्ञान का विस्तार करते हुए पृथ्वी से परे मौजूद हो सकता है.
मिलोजेविक ने कहा कि परिणाम बताते हैं कि लंबी अवधि के लिए LEO (कम पृथ्वी की कक्षा) में डाइनोकोकस रेडियोड्यूरंस का अस्तित्व अपने कुशल आणविक प्रतिक्रिया प्रणाली के कारण संभव है और संकेत मिलता है कि आगे भी ऐसी क्षमताओं वाले जीवों की लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं.
अध्ययन में कहा गया है कि बैक्टीरिया डाइनोकोकस रेडियोड्यूरंस ने अंतरिक्ष एक्सपोजर से पुनर्जनन के दौरान एक प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजाति मेहतर के रूप में एक प्राइमर्डियल अणु पॉलीमाइन पोट्रेसिन का उपयोग किया था.
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