दिल्ली: फिंगरप्रिंट बायोमेट्रिक्स दुनिया भर में एक्सेस कंट्रोल सिस्टम में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला क्रेडेंशियल है. आज के दौर में बायोमेट्रिक तकनीक का सबसे लोकप्रिय रूप बन गया है.
ज्यादातर लोग फिंगर प्रिंट बायोमेट्रिक तकनीक पर भरोसा करते हैं. इसमें फिंगरप्रिंट या सेंसर पर अपनी अंगुलियों को रखने की आवश्यकता होती है.
कई वर्षों के विभिन्न परीक्षणों से पता चला है कि फिंगर प्रिंट रीडर पर कुछ बैक्टीरिया पनपने लगते हैं. यह लोगों के जीवन को जोखिम में डाल रहा है.
कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लोग उन सतहों के संपर्क से बच रहे हैं, जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ सकते थे. बायोमेट्रिक्स में अंगुली को ग्राहकों, कर्मचारियों और यात्रियों की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता था, उसका उपयोग आज के समय में लगभग न के बराबर किया जा रहा है.
उपस्थिति के लिए उपयोग किए जाने वाले फिंगर बायोमेट्रिक स्कैनर या आधार कार्ड के सत्यापन के लिए बैंकों में ग्राहकों की प्रमाणीकरण, या आव्रजन काउंटर पर यात्रियों को चिह्नित करने के लिए कर्मचारियों की पहचान, सतहों के संपर्क के परिणाम स्वरूप कोरोना वायरस फैलने से दूषित हो सकता है.
बायोमेट्रिक स्कैनर पर वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उपस्थिति, प्रमाणीकरण, अभिगम नियंत्रण के लिए संपर्क-आधारित बॉयोमेट्रिक अभिगम नियंत्रण के उपयोग में प्रतिबंध है. कोविड 19 के बाद दुनिया निश्चित रूप से उपयोगकर्ताओं को प्रमाणित करने के लिए बॉयोमेट्रिक एक्सेस कंट्रोल सिस्टम में इस बदलाव से प्रभावित होगी.
फिंगर बायोमेट्रिक एक्सेस कंट्रोल सिस्टम से जुड़े जोखिमों को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक और निजी संगठन अब प्रमाणीकरण और अभिगम नियंत्रण के लिए फिंगर बायोमेट्रिक्स का उपयोग करने में संकोच कर रहे हैं.
सम्मेलनों, खेल आयोजनों, धार्मिक सेवाओं और संगीत समारोहों को महामारी से निपटने में मदद करने के लिए रद्द किया जा रहा है. लेकिन व्यवसाय भी अपनी तकनीक को अपने कर्मचारियों के लिए संभावित स्वास्थ्य जोखिमों के रूप में देखने लगे हैं.