न्यू यॉर्क : शोधकर्ताओं ने एक ज्ञात बिनाइन कोड (benign code) की तुलना बिटकॉइन माइनिंग कोड से करते हुए अपनी प्रणाली का परीक्षण किया. बता दें, इस परीक्षण में भारतीय मूल का भी एक वैज्ञानिक शामिल है.
आईईईई एक्सेस नाम की पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, सिस्टम ने अवैध और गैर-एआई विश्लेषणों की तुलना में अवैध माइनिंग ऑपरेशन को ज्यादा बेहतर और मजबूती से पहचाना.
अमेरिका में लॉस अलामोस नेशनल लेबोरेटरी (Los Alamos National Laboratory) के एक शोधकर्ता गोपीनाथ चेन्नापति ने बताया, 'हमारे मजबूत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल को क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग में हो रहे सुपर कंप्यूटर के इस्तेमाल को जांचने के लिए डिजाइन किया गया है.'
उन्होंने आगे कहा कि यूरोप सहित अन्य स्थानों पर हाल में हुए कंप्यूटर ब्रेक-इन के मामलों को देखते हुए यह काफी अहम सबित हो सकता है.
उन्होंने कहा कि इस तरह का सॉफ्टवेयर वॉचडॉग जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी खनिकों द्वारा कीमती कंप्यूटिंग संसाधनों की चोरी पर लगाम लगा सकता है.