कानपुर: शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जिसे एलएलआर अस्पताल या हैलट अस्पताल कहा जाता है, उसका नजारा जब आप देखेंगे तो वहां हमेशा मरीजों की भीड़ नजर आएगी. कभी-कभार तो स्थिति ऐसी होती है कि एक बेड पर दो मरीजों का इलाज करना पड़ जाता है. यही नहीं, मरीजों की अधिक संख्या होने की वजह से अस्पताल के आइसीयू में भी डॉक्टर्स मरीजों को भर्ती करने से पहले कई बार सोचते हैं. लेकिन, अब इसी अस्पताल के परिसर में आइसीयू विभाग के अंदर ही पोर्टेबल आइसीयू की सुविधा पहली बार शुरू होने जा रही है.
दिल्ली की एक कंपनी के सीएसआर फंड से हैलट अस्पताल में मरीजों का आइसीयू में समय से और बेहतर इलाज हो सकेगा. कंपनी की ओर से लगभग एक करोड़ 20 लाख रुपये वाली पांच मशीनें अस्पताल को मिलेंगी. यह मशीनें एक तरह से रेडी टू मूव मॉडल की तरह काम करती हैं. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान दावा किया कि यूपी में पहली बार हैलट अस्पताल में यह पोर्टेबल आइसीयू शुरू होगा.
24 घंटे काम करती है मशीन, संक्रमणमुक्त होगा इलाज: प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि पोर्टेबल आइसीयू वाली मशीन जापान की तकनीक पर आधारित है. यह मशीन 24 घंटे काम करती है. उन्होंने बताया कि इसके दरवाजे ऑटोमेटेड होते हैं. यानी अपने आप खुलते और बंद होते हैं. इस मशीन के अंदर एक मरीज को रखा जा सकता है और डॉक्टर व नर्स उसका इलाज शुरू कर सकते हैं. मशीन के अंदर ही सारे उपकरण भी मौजूद रहते हैं.