न्यूयॉर्क :कोविड-19 की उत्पत्ति पर अमेरिकी सरकार की नई अवर्गीकृत खुफिया रिपोर्ट में भी यह बात स्पष्ट नहीं हो सकी है कि दुनिया भर में 76.8 करोड़ से अधिक लोगों को संक्रमित करने वाली और 69 लाख से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार महामारी की शुरुआत एक प्रयोगशाला रिसाव का परिणाम थी या किसी संक्रमित जानवर से वायरस इंसानों तक पहुंच गया. हालांकि सभी का मानना है कि इसका जैविक हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया गया. महामारी के दो साल से अधिक समय बाद, कोविड-19 की उत्पत्ति पर अस्पष्टता बनी हुई है. यह वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिकों और राजनेताओं के साथ एक राजनीतिक और वैज्ञानिक बहस का विषय रहा है कि कोरोनोवायरस का स्रोत एक संक्रमित जानवर या प्रयोगशाला की घटना का परिणाम था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि महत्वपूर्ण बात यह है कि लगभग सभी खुफिया एजेंसियों का आकलन है कि SARS-CoV-2 (सार्स-कोव-2) जेनेटीकली इंजीनियर्ड नहीं था. इसमें कहा गया है, अधिकांश एजेंसियों का आकलन है कि र्सास-कोव-2 प्रयोगशाला-अनुकूलित नहीं था; कुछ निर्धारण करने में असमर्थ हैं. सभी खुफिया समुदाय एजेंसियों का आकलन है कि सार्स-कोव-2 को जैविक हथियार के रूप में विकसित नहीं किया गया था.
कोई प्रमाण नही
इस बीच, रिपोर्ट में कहा गया है कि खुफिया एजेंसियों ने पाया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए यानी चीन की सेना) और वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी- WIV द्वारा किए गए कुछ शोध में कोरोनवायरस सहित कई वायरस के साथ काम शामिल था, लेकिन ऐसा कोई ज्ञात वायरस नहीं था जिसे सार्स-कोव-2 का पूर्वज माना जा सके. जानवरों के नमूने और आनुवंशिक विश्लेषण सहित प्रयोगशाला में किए गए शोध बात को स्वीकार करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है, हमारे पास इस बात का कोई संकेत नहीं है कि WIV के महामारी-पूर्व अनुसंधान में सार्स-कोव-2 या एक करीबी पूर्वज शामिल था, न ही कोई प्रत्यक्ष प्रमाण है कि एक विशिष्ट अनुसंधान से संबंधित घटना महामारी से पहले डब्ल्यूआईवी कर्मियों के साथ घटी थी, जो कोविड महामारी का कारण बन सकती थी.