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नासा के नए मंगल रोवर में 1998 की एप्पल आईमैक चिप हुई इस्तेमाल - NASA

मंगल मिशन के लिए नासा का एडवांस परसिवरेंस रोवर में 1998 के एप्पल आईमैक चिप का इस्तेमाल हुआ है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि एक एडवांस या उन्नत चिप वास्तव में मंगल ग्रह की अद्वितीय परिचालन स्थितियों के लिए एक बाधा उत्पन्न कर सकती है. मंगल का वायुमंडल पृथ्वी के वातावरण की तुलना में हानिकारक विकिरण और आवेशित कणों से बहुत कम सुरक्षा प्रदान करता है.

1998 की एप्पल आईमैक चिप, NASA
नासा ने नए मंगल रोवर में 1998 की एप्पल आईमैक चिप हुई है इस्तेमाल

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Published : Mar 7, 2021, 10:30 AM IST

नई दिल्ली : अगर आपको लगता है कि नासा का 2.7 अरब डॉलर का मार्स परसिवरेंस रोवर लाल ग्रह (मंगल) से पृथ्वी पर डेटा भेजने के लिए कुछ अत्याधुनिक और सबसे एडवांस चिप लेकर गया है, तो आप गलत हैं. दरअसल, मंगल मिशन के लिए नासा का एडवांस रोवर 1998 के एप्पल आईमैक में प्रयुक्त एक चिप पर चलता है.

न्यू साइंटिस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा इसलिए है, क्योंकि एक एडवांस या उन्नत चिप वास्तव में मंगल ग्रह की अद्वितीय परिचालन स्थितियों के लिए एक बाधा उत्पन्न कर सकती है. मंगल का वायुमंडल पृथ्वी के वातावरण की तुलना में हानिकारक विकिरण और आवेशित कणों से बहुत कम सुरक्षा प्रदान करता है.

रिपोर्ट के अनुसार, विकिरण का एक बुरा विस्फोट बुरी तरह से एक आधुनिक प्रोसेसर के संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स को खत्म कर सकता है.

नासा के मार्स परसिवरेंस रोवर में दो कंप्यूटिंग मॉड्यूल हैं और कुछ गलत होने की स्थिति में एक बैकअप भी होता है.

रोवर में केवल 1.04 करोड़ ट्रांजिस्टर के साथ एक पावरपीसी 750 सिंगल-कोर, 233 मेगाहट्र्ज प्रोसेसर है, जो 1998 में लॉन्च किए गए मूल मैक को भी संचालित करता था.

एप्पल कंपनी ने छह मई 1998 को आईमैक की घोषणा की थी और उसी वर्ष 15 अगस्त को आईमैक जी3 की शिपिंग भी शुरू कर दी थी.

यह वही प्रोसेसर है, जिसे नासा अपने क्यूरियोसिटी रोवर में भी उपयोग करता है.

पिछले महीने नासा ने मंगल ग्रह पर अपने रोवर को सफलतापूर्वक उतारा था.

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