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न्यूरालिंक के ब्रेन चिप्स से इंसान बनेंगे हाइपर-इंटेलिजेंट, लकवाग्रस्त लोगों को मिलेगा चलने फिरने का मौका - न्यूरालिंक की डिवाइस

न्यूरालिंक का लक्ष्य एक ऐसा उपकरण बनाना है जिसे मस्तिष्क में प्रत्यारोपित किया जा सके और इसका उपयोग मस्तिष्क गतिविधि वाले कंप्यूटर को नियंत्रित करने के लिए किया जा सके.

Neuralink brain chips Humans will Hyper Intelligent Paralyzed people can walk
न्यूरालिंक के ब्रेन चिप्स

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Published : Dec 2, 2022, 10:37 AM IST

सैन फ्रांसिस्को : एलन मस्क ने गुरुवार को कहा कि उनका ब्रेन-कंप्यूटर न्यूरालिंक की डिवाइस मानव परीक्षण के लिए तैयार है और वह अब से लगभग छह महीने में ऐसा करने की उम्मीद कर रहे हैं. न्यूरालिंक ने अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) को मानव नैदानिक परीक्षण के लिए आवश्यक अधिकांश कागजी कार्रवाई प्रस्तुत की है.

कहा जा रहा है कि इससे आने वाले दिनों में ब्लाइंड इंसान भी देख सकेंगे, पैरालिसिस से पीड़ित इंसान केवल दिमाग में सोचकर मोबाइल और कंप्यूटर ऑपरेट कर सकेंगे. ये दावा है दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी और न्यूरालिंक के फाउंडर एलन मस्क ने किया है. उन्होंने न्यूरालिंक के कैलिफोर्निया हेडक्वार्टर में 'शो एंड टेल' इवेंट किया और अपने इस डिवाइस की प्रोग्रेस की जानकारी देते हुए भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की.

न्यूरालिंक के ब्रेन चिप्स से इंसान बनेंगे हाइपर-इंटेलिजेंट

मस्क ने बताया कि उनके ब्रेन चिप इंटरफेस स्टार्टअप का डेवलप वायरलेस डिवाइस 6 महीने में ह्यूमन ट्रायल के लिए तैयार हो जाएगा. इसके लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) को पेपर जमा कर दिए गए हैं. इवेंट में मस्क ने जॉयस्टिक का इस्तेमाल किए बिना एक बंदर का पिनबॉल खेलते हुए वीडियो भी दिखाया. टेलीपेथी के जरिए बंदर ने टाइपिंग भी की.

कंपनी के एक कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद नए ट्विटर सीईओ ने पोस्ट किया, अब हमें विश्वास है कि न्यूरालिंक डिवाइस मनुष्यों के लिए तैयार है, समय एफडीए-अनुमोदन प्रक्रिया के माध्यम से काम करने का एक कार्य है.

न्यूरालिंक के ब्रेन चिप्स

न्यूरालिंक का लक्ष्य एक ऐसा उपकरण बनाना है जिसे मस्तिष्क में प्रत्यारोपित किया जा सके और इसका उपयोग मस्तिष्क गतिविधि वाले कंप्यूटर को नियंत्रित करने के लिए किया जा सके. अमेरिका में हुए कार्यक्रम में मस्क और उनकी टीम ने न्यूरालिंक तकनीक के पीछे की तकनीकी जानकारी साझा की.

न्यूरालिंक डिवाइस छोटे होते हैं, जिनमें कई लचीले 'धागे' होते हैं जिन्हें मस्तिष्क में डाला जा सकता है. मस्क ने कहा, यह एक बेहतर समानता की कमी के लिए, आपकी खोपड़ी के एक टुकड़े को स्मार्टवॉच के साथ बदलने जैसा है. उन्होंने कहा कि समय बढ़ने के साथ डिवाइस को अपग्रेड किया जा सकता है. मस्क ने दर्शकों से कहा, मुझे पूरा यकीन है कि अगर आईफोन 14 उपलब्ध होता तो आप अपने दिमाग में आईफोन 1 नहीं चाहते.

न्यूरालिंक के ब्रेन चिप्स से इंसान बनेंगे हाइपर-इंटेलिजेंट

न्यूरालिंक के इम्प्लांट को मस्तिष्क गतिविधि को रिकॉर्ड करने और उत्तेजित करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसके बारे में मस्क ने कहा है कि यह लोगों को मोटापे जैसी स्थितियों को दूर करने में मदद कर सकता है. मस्क का दावा है कि न्यूरालिंक के ब्रेन चिप्स एक दिन इंसानों को हाइपर-इंटेलिजेंट बनाएंगे और लकवाग्रस्त लोगों को फिर से चलने देंगे.

ब्रेन चिप्स को हाल ही में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, डेविस में परीक्षणों की एक श्रृंखला के दौरान बंदरों के दिमाग में प्रत्यारोपित किया गया था. 2017 में सार्वजनिक रूप से लॉन्च होने के बाद से, न्यूरालिंक ने सूअरों और बंदरों में अपने मस्तिष्क प्रत्यारोपण का प्रदर्शन किया है.

परियोजना का मुख्य उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शक्ति पर काबू पाने के लिए एक मस्तिष्क और एक कंप्यूटर के बीच एक सीधा संबंध प्रदान करना है, एक प्रत्यारोपित मस्तिष्क चिप में धागे को सिलाई करने के लिए सिलाई मशीन जैसी डिवाइस का उपयोग करना.

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