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नासा के रोवर ने मंगल की पहली रंगीन तस्वीर व एक सेल्फी भी भेजी

नासा का पर्सेविरेंस रोवर 18 फरवरी को मंगल की सतह पर उतरा था. नासा के पर्सेविरेंस रोवर मिशन की कामयाबी की कुछ तस्वीरें रोवर के कैमरों ने भेजी है. कुछ तस्वीरों के साथ साथ, एक रंगीन सेल्फी भी, इसमें शामिल है. मंगल ग्रह के धरातल पर उतरने से ठीक पहले की तस्वीरों को भी रोवर ने कैमरों में कैद किया था. मंगल ग्रह पर पर्सेविरेंस रोवर के मिशन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य खगोल विज्ञान है, जिसमें प्राचीन सूक्ष्मजीव जीवन के संकेतों की खोज शामिल है.

पर्सेविरेंस रोवर की कुछ आश्चर्यजनक तस्वीरें , nasa
नासा के रोवर ने मंगल की पहली रंगीन तस्वीर व एक सेल्फी भी भेजी

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Published : Feb 20, 2021, 12:57 PM IST

Updated : Feb 20, 2021, 1:21 PM IST

वॉशिंगटन:अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी, नासा के पर्सेविरेंस रोवर ने मंगल ग्रह की कुछ आश्चर्यजनक तस्वीरें भेजी हैं. इनमें लैंडिंग के दौरान एक हाई-रिजॉल्यूशन वाली रंगीन सेल्फी भी शामिल है. यह रंगीन सेल्फी कई कैमरों द्वारा खींची गई वीडियो का एक हिस्सा है. नासा का पर्सेविरेंस रोवर 18 फरवरी को मंगल की सतह पर उतरा था.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी, नासा के पर्सेविरेंस रोवर ने मंगल ग्रह की कुछ आश्चर्यजनक तस्वीरें भेजी हैं. सौजन्यः नासा



अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में कहा कि नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर उतरने की एक 'स्टॉप-मोशन फिल्म' भेजी थी, जबकि पर्सेविरेंस रोवर के कैमरों ने टचडाउन का वीडियो कैद किया. यह नया स्टिल इमेज इसी फुटेज से लिया गया है, जिसे अभी भी पृथ्वी पर भेजा जा रहा है.

पर्सेविरेंस रोवर के कैमरों से लिया गया टचडाउन के वीडियो से ली गई स्टिल इमेज. सौजन्यः नासा, जेपीएल-कालटेक


मंगल ग्रह के धरातल पर उतरने से ठीक पहले की तस्वीरों को भी रोवर ने कैमरों में कैद किया था. पर्सेविरेंस रोवर के अधिकांश कैमरे रंगीन तस्वीरें कैप्चर करते हैं, जबकि पहले के रोवर ब्लैक-ऐंड-व्हाइट में तस्वीरें लेते थे.

पर्सेविरेंस रोवर के अधिकांश कैमरे रंगीन तस्वीरें कैप्चर करते हैं. सौजन्यः नासा

बहरहाल, लैंडिंग के बाद दो हजार्ड कैमरों (हैजकैम्स) ने रोवर के आगे और पीछे के दृश्यों को कैप्चर किया. एक तस्वीर में रोवर का एक पहिया मंगल ग्रह की माटी पर साफ देखा जा सकता है.

रोवर का एक पहिया मंगल ग्रह की माटी पर साफ देखा जा सकता है.सौजन्यः नासा



मंगल ग्रह पर पर्सेविरेंस रोवर के मिशन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य खगोल विज्ञान है, जिसमें प्राचीन सूक्ष्मजीव जीवन के संकेतों की खोज शामिल है.

रोवर मंगल ग्रह की भूविज्ञान और अतीत की जलवायु को चिह्न्ति करेगा, लाल ग्रह पर मानव अन्वेषण का मार्ग प्रशस्त करेगा, और यह मंगल ग्रह से चट्टानों और रिगोलिथ (टूटी हुई चट्टान व धूल) को इकट्ठा करने वाला पहला मिशन होगा.

इसके बाद नासा के मिशन, ईएसए (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) के सहयोग से, इन नमूनों को मंगल की सतह से एकत्र करने और उन्हें गहन विश्लेषण के लिए पृथ्वी पर वापस लाने के लिए लाल ग्रह पर अंतरिक्ष यान भेजेंगे.

आने वाले दिनों में इंजीनियर रोवर के सिस्टम डेटा को अपडेट करेंगे, इसके सॉफ्टवेयर को अपडेट करेंगे और इसके विभिन्न उपकरणों का परीक्षण करेंगे.

अगले कुछ हफ्तों में पर्सेविरेंस रोवर अपनी रोबोटिक आर्म का परीक्षण करेगा और अपनी पहली (छोटी) ड्राइव लेगा.

यह कम से कम एक या दो महीने तक रहेगा जब तक कि पर्सेविरेंस रोवर को इनजेन्यूटी (मिनी हेलिकॉप्टर) को छोड़ने के लिए एक सपाट स्थान नहीं मिलेगा. इसके बाद वह अपने विज्ञान मिशन की शुरुआत करेगा और मंगल ग्रह के चट्टानों के नमूनों से पहली खोज प्रारंभ करेगा.

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(इनपुट-आईएएनएस)

Last Updated : Feb 20, 2021, 1:21 PM IST

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