नई दिल्ली :आप दिन भर मोबाइल का खूब इस्तेमाल करें, बावजूद इसके न तो मोबाइल की बैटरी खत्म हो और आपको अपने मोबाइल को चार्जिंग पर भी न लगाना पड़े. मोबाइल के अलावा आप घर, ऑफिस और सफर में लैपटॉप का भरपूर इस्तेमाल करें और फिर भी उसे चार्जिंग के लिए घर ऑफिस या ट्रेवल के दौरान चार्जिंग सॉकेट से जोड़ने की जरूरत न पड़े तो कितना अच्छा हो. पहली नजर में नामुमकिन दिखने वाली यह बात जल्द ही हकीकत में बदल सकती है. देश के अग्रणी तकनीकी शिक्षण संस्थान आईआईटी में इसको लेकर बेहद महत्वपूर्ण रिसर्च की जा रही है.
मानव शरीर की गर्मी से चार्ज होगा सामान
आईआईटी मंडी के एसोसिएट प्रोफेसर अजय सोनी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि वह थर्मो इलेक्ट्रिकल मटेरियल पर काम कर रहे हैं. इस पद्धति में एक खास मॉड्यूल की मदद लेकर गर्मी से ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है. लेकिन यह सौर ऊर्जा से बिल्कुल अलग है. इसके लिए न तो बहुत बड़े उपकरण चाहिए और न ही सूरज जैसे विशाल और बेहद गर्म ऑब्जेक्ट की आवश्यकता है. प्रोफेसर सोनी के मुताबिक अनेक आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को तो केवल मानव शरीर की गर्मी से ही चार्ज किया जा सकता है.
ऐसी टेक्नोलॉजी जो अपशिष्ट ऊष्मा को विद्युत ऊर्जा में बदले
आईआईटी का कहना है कि औद्योगिक और ऊर्जा उत्पादन प्रक्रियाएं अक्सर भारी मात्रा में अपशिष्ट ऊष्मा उत्पन्न करती हैं जो वातावरण में अवशोषित हो जाती हैं. भारत में वैज्ञानिकों का एक समूह एक नई सामग्री पर काम कर रहा है, जो इन प्रक्रियाओं से अपशिष्ट गर्मी को पुनर्प्राप्त कर सकता है और इसके उपयोग को सुविधाजनक बना सकता है. शोधकर्ताओं की टीम ने कई नई स्मार्ट सामग्रियां विकसित की हैं जो विभिन्न उपकरणों की बेकार जाने वाली गर्मी को बिजली और बिजली के छोटे घरेलू उपकरणों और ऑटोमोबाइल में कुशलता से बदल सकती हैं. ऐसी सामग्री जो अपशिष्ट ऊष्मा को विद्युत ऊर्जा में बदल सकती है, थर्मोइलेक्ट्रिक सामग्री कहलाती है. सामग्री के एक सिरे को गर्म और दूसरे सिरे को ठंडा रखने से विद्युत वोल्टेज उत्पन्न होता है, जो एक तापमान प्रवणता बनाता है.
प्रोफेसर सोनी के मुताबिक-
उन्होंने एक ऐसा प्रोटोटाइप विकसित कर लिया है जोकि एक मॉड्यूल की मदद से इंसानी शरीर की गर्मी से ऊर्जा हासिल कर उसे इलेक्ट्रिसिटी में तब्दील कर सकता है. उदाहरण के तौर पर इस तकनीक के जरिए मोबाइल फोन को केवल हथेली में पकड़ने या फिर जेब में रखने भर से ही चार्ज किया जा सकता है. ऐसे ही लैपटॉप को गोद (लैप) में रखने भर से बिना किसी चार्जर, सॉकेट या स्विच के चार्ज किया जा सकता है.
ऊर्जा के लिए इंसान गर्मी ही काफी
डॉक्टर सोनी ने बताया कि इन उपकरणों को चार्ज करने के लिए इंसान के शरीर से निकलने वाली गर्मी ही काफी है. इन सभी उपकरणों में एक छोटा सा मॉड्यूल सेट किया जाएगा. इसके बाद वह मॉड्यूल शरीर की गर्मी से इन उपकरणों को चार्ज कर सकता है. यह चार्जिंग बिना किसी चार्जर के संभव हो सकेगी. दरअसल उपकरण में फीट और दिखाई न देने वाला मॉड्यूल, शरीर की गर्मी को ऊर्जा में तब्दील कर इन उपकरणों को चार्ज करेगा.