चंडीगढ़ : बढ़ता तापमान, गर्मी, मानसून या फिर आपदाओं का पूर्वानुमान के लिए मौसम विभाग (India Meteorological Department) द्वारा सटीक जानकारी देना बहुत जरूरी है. जानकारी बिल्कुल सटीक हो और किसी तरह की कोई गलती न हो इसके लिए मौसम विभाग आज भी हाईटेक टेक्नोलॉजी के बजाए कई साल पुरानी तकनीक का इस्तेमाल करता है. चंडीगढ़ मौसम विभाग द्वारा ऐसी ही एक पुरानी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके बारे में आप सुनकर चौंक जाएंगे.
विभाग द्वारा तापमान में नमी की मात्रा को नापने के लिए इंसानों के बालों का इस्तेमाल किया जाता है. इस तकनीक में कैसे बालों का इस्तेमाल होता और कैसे हवा में नमी का पता लगाया जाता है, इस बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत ने बात की चंडीगढ़ मौसम विभाग के निदेशक एके सिंह से. उन्होंने बताया कि मौसम विभाग हवा में नमी की मात्रा को जांचने के लिए कई अत्याधुनिक तकनीक के साथ-साथ पुरानी मशीन का इस्तेमाल भी करता है. इस तकनीक को हेयर हाइग्रोग्राफ (hair hygrograph) कहा जाता है.
इंसानी बाल बताते हैं कैसा रहेगा मौसम का मिजाज ऐसे होती है नमी की मात्रा रिकॉर्ड
इस मशीन में एक रोलर लगा होता है जो घूमता रहता है. उस रोलर के ऊपर एक ग्राफ और पैन जैसी सुई भी लगी होती है. रोलर के घूमने के साथ-साथ ये सुई ऊपर नीचे होती है और नमी की मात्रा को दर्ज करती है. इस मशीन में इंसानी बाल लगे होते हैं, जिससे ये सुई जुड़ी होती है, क्योंकि हवा में नमी बढ़ने और घटने से इंसानी बालों का आकार भी घटता और बढ़ता है. इस तरह आकार घटने और बढ़ने से सुई भी ऊपर नीचे होती है और नमी की मात्रा को दर्ज करती है.
उन्होंने बताया कि इस मशीन में बैटरी या बिजली का इस्तेमाल नहीं होता. ये मशीन चाबी से चलती है और इसमें हर रोज चाबी भरनी पड़ती है. एक बार चाबी भरने के बाद ये पूरा दिन चलती रहती है. एके सिंह ने ये भी बताया कि इस मशीन में इस्तेमाल किए जाने वाले बाल देशभर के अलग-अलग हिस्सों से मंगवाए जाते हैं. मशीन में बाल लगाने से पहले उनकी जांच की जाती है और जिन बालों की क्वालिटी बेहतर होती है उन बालों का ही इस्तेमाल किया जाता है.
पढ़ेंःरुद्रप्रयाग में जल तांडव : 15 फीट ऊंची शिव मूर्ति तक पहुंचा अलकनंदा का पानी