न्यूयॉर्क : पुरुष गर्भनिरोधक गोलियों को लेकर दो प्रयोग से पता चला है कि गोलियां अस्वीकार्य दुष्प्रभाव पैदा किए बिना प्रभावी रूप से टेस्टोस्टेरोन को कम कर देती हैं. यह खुलासा एक नए अध्ययन में हुआ है. डीएसएयू और 11 बीटा-एमएनटीडीसी नामक दवाएं, प्रोजेस्टोजेनिक एण्ड्रोजन नामक दवाओं के एक वर्ग का हिस्सा हैं. ये दवाएं टेस्टोस्टेरोन को कम कर देती हैं, जिससे शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है.
यूनिस कैनेडी श्राइवर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डेवलपमेंट में गर्भनिरोधक विकास कार्यक्रम के प्रमुख शोधकर्ता तामार जैकबसन ने कहा, 'पुरुष गर्भनिरोधक विकल्प वर्तमान में पुरुष नसबंदी और कंडोम तक ही सीमित हैं, इसका मतलब की महिलाओं की तुलना में पुरुषों के पास कम विकल्प हैं.' जैकबसन ने कहा, 'एक प्रभावी, प्रतिवर्ती पुरुष गर्भनिरोधक विधि के विकास से पुरुषों और महिलाओं के लिए प्रजनन विकल्पों में सुधार होगा, अनपेक्षित गर्भावस्था को कम करके पुरुषों को परिवार नियोजन में तेजी से सक्रिय भूमिका निभाने की अनुमति देगा.'
ईएनडीओ 2022 में प्रस्तुत किए जाने वाले अध्ययन के लिए, टीम ने क्लीनिकल ट्रायल में 96 स्वस्थ पुरुष प्रतिभागियों को शामिल किया. प्रत्येक परीक्षण में पुरुषों को 28 दिनों के लिए प्रतिदिन सक्रिय दवा या प्लेसीबो की दो या चार गोलियां प्राप्त करने के लिए रैंडम रूप से सौंपा गया था. सक्रिय दवा पर सात दिनों के बाद, टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य सीमा से नीचे चला गया. प्लेसबो लेने वाले पुरुषों में, टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य सीमा के भीतर रहा.