सैन फ्रांसिस्को : भारतीय मूल के सहायक प्रोफेसर विवेक बाजपेयी ने अपनी टीम के साथ शरीर के रंग के लिए जिम्मेदार 135 नए मेलेनिन जीन की पहचान की है. साइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, आठ अरब से अधिक मनुष्यों की त्वचा, बाल और आंखों का रंग मेलेनिन नामक प्रकाश-अवशोषित वर्णक (Light Absorbing Pigment) द्वारा निर्धारित होता है.
मेलेनिन का उत्पादन मेलानोसोम्स नामक विशेष संरचनाओं के भीतर होता है. मेलानोसोम मेलेनिन-उत्पादक वर्णक कोशिकाओं के अंदर पाए जाते हैं, जिन्हें मेलानोसाइट्स कहा जाता है. शोधकर्ताओं ने कहा, हालांकि सभी मनुष्यों में मेलानोसाइट्स की संख्या समान होती है, लेकिन उनके द्वारा उत्पादित मेलेनिन की मात्रा भिन्न होती है और मानव त्वचा के रंग में भिन्नता को जन्म देती है.
ओक्लाहोमा विश्वविद्यालय में प्रमुख लेखक और सहायक प्रोफेसर विवेक बाजपेयी ने कहा,"यह समझने के लिए कि वास्तव में विभिन्न मात्रा में मेलेनिन का उत्पादन क्यों होता है, हमने आनुवंशिक रूप से इंजीनियर कोशिकाओं के लिए सीआरआईएसपीआर-सीएएस 9 नामक तकनीक (CRISPR-Cas9 Technology) का उपयोग किया."
उन्होंने कहा, "सीआरआईएसपीआर का उपयोग करके, हमने व्यवस्थित रूप से लाखों मेलानोसाइट्स से 20 हजार से अधिक जीन हटा दिए और मेलेनिन उत्पादन पर प्रभाव देखा." यह पहचानने के लिए कि कौन से जीन मेलेनिन उत्पादन को प्रभावित करते हैं, जीन हटाने की प्रक्रिया के दौरान मेलेनिन खोने वाली कोशिकाओं को लाखों अन्य कोशिकाओं से अलग करने की आवश्यकता होती है, जो नहीं करती थीं.
इन विट्रो सेल संस्कृतियों का उपयोग करते हुए बाजपेयी ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक उपन्यास विधि विकसित (Novel Method Developed) की जो मेलानोसाइट्स की मेलेनिन-उत्पादक गतिविधि का पता लगाती है और मात्रा निर्धारित करती है.