पेरिस: सीरिया और तुर्की में छह फरवरी 2023 को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप व उसके बाद के 7.5 तीव्रता के झटकों के बाद होने वाली आपदा से निपटने में उपग्रह की तस्वीरें राहत व बचाव कार्यों में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. इस तरह के आंकड़े सड़कों, पुलों, इमारतों की स्थिति का मानचित्रण करके पानी और भोजन को बेहतर ढंग से वितरित करने के लिए मानवीय सहायता को सक्षम बनाते है. सबसे महत्वपूर्ण रूप से स्टेडियमों या अन्य खुली जगहों में इकट्ठा होकर संभावित झटकों से बचने की कोशिश करने वाली आबादी की पहचान में इससे मदद मिलती है.
उपग्रहों को प्रभावित क्षेत्रों की ओर जल्द से जल्द मोड़ने के लिए, तुर्की आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण (एएफएडी) ने स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजकर चार मिनट पर 'अंतरिक्ष और बड़ी आपदा' पर अंतरराष्ट्रीय चार्टर को सक्रिय करने का अनुरोध किया. संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया के लिए स्थानीय समयानुसार 11 बजकर 29 मिनट पर ऐसा किया. इस बीच, 11 अंतरिक्ष एजेंसियां सबसे उपयुक्त ऑप्टिकल और रडार उपग्रहों को संचालित करने के लिए तैयार हो गईं. फ्रांस के लिए ये 'ऑप्टिकल उपग्रह स्पॉट', प्लेएड्स और प्लेएड्स नियो (मध्यम, उच्च और बहुत उच्च रिजोल्यूशन) हैं, जो क्षेत्र के ऊपर से गुजरने पर पहली छवियां प्रदान करेंगे.
रडार उपग्रह ऑप्टिकल उपग्रह से प्राप्त जानकारी के पूरक होंगे, क्योंकि वे रात में और बादलों के बीच भी काम करते हैं, और भूस्खलन और यहां तक कि ऊंचाई में बहुत छोटे बदलाव की भी तस्वीर ले सकते हैं. हर साल, दुनिया भर में लाखों लोग आपदाओं से प्रभावित होते हैं, चाहे वह प्राकृतिक (चक्रवात, बवंडर, आंधी, भूकंप, भूस्खलन, ज्वालामुखी विस्फोट, सुनामी, बाढ़, जंगल की आग, आदि) हो या मानव निर्मित (तेल प्रदूषण, औद्योगिक विस्फोट आदि). दुर्भाग्य से, इन आपदाओं की तीव्रता और आवृत्ति जलवायु परिवर्तन के साथ बढ़ रही है. ऐसे में ज्यादा पीड़ित, क्षतिग्रस्त घर और विनाशकारी परिदृश्य बनते दिख रहे हैं.
आपदा का स्वरूप : 'अंतरिक्ष और प्रमुख आपदाएं' पर अंतरराष्ट्रीय चार्टर एक आपदा को बड़े पैमाने पर, अचानक, अद्वितीय और अनियंत्रित घटना के रूप में परिभाषित करता है जिसके परिणामस्वरूप जीवन या संपत्ति व पर्यावरण को नुकसान होता है. ऐसे मामलों में आंकड़े प्राप्त करने और प्रदान करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता होती है. 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र' और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा 1999 में चार्टर बनाया गया था. जिससे जल्द ही कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी भी जुड़ गई. आज, 17 सदस्य अंतरिक्ष एजेंसियां आपदा क्षेत्र में जितनी जल्दी हो सके मुफ्त उपग्रह मानचित्रण प्रदान करने के लिए इसमें शामिल हो गई हैं.
वर्ष 2000 से चार्टर को 154 से अधिक देशों में 797 बार सक्रिय किया गया है. तब से इसे यूरोप (कॉपरनिकस इमरजेंसी) और एशिया (सेंटिनल एशिया) की इसी तरह की पहल का साथ मिल चुका है. चार्टर की सक्रियता के लगभग तीन चौथाई मामले मौसमी घटनाओं के कारण होते हैं: तूफान, चक्रवात और विशेष रूप से बाढ़. इन अप्रत्याशित संकट की स्थितियों में जब जमीन क्षतिग्रस्त हो जाती है या बाढ़ आ जाती है और सड़कों पर आवाजाही संभव नहीं होती तब भूमि आधारित संसाधन हमेशा आपदा की सीमा का विश्लेषण करने और राहत व मानवीय सहायता को सर्वोत्तम संभव तरीके से व्यवस्थित करने में सक्षम नहीं होते हैं. अंतरिक्ष से स्थिति की बहुत उच्च रिजोल्यूशन की छवियां लेकर उपग्रह महत्वपूर्ण जानकारी शीघ्रता से प्रदान करते हैं. कई मौकों पर चार्टर को सक्रिय नहीं किया जा सकता. यह तब होता है जब मामला चार्टर के दायरे से बाहर (युद्ध व सशस्त्र संघर्ष) हो.