लंदन : चीन और नीदरलैंड के शोधकर्ताओं की एक टीम ने बिल्डिंग एनर्जी मैनेजमेंट के लिए डेटा को ऑटोमेट करने के लिए जीपीटी-4 का उपयोग करके एक इनोवेटिव सोल्यूशन डेवलप किया है. ओपनएआई का जनरेटिव लार्ज लैंग्वेज मॉडल जीपीटी-4 ने पहले कोडिंग, राइटिंग और इमेज जनरेशन जैसे अलग-अलग रियल-वर्ल्ड सिनेरियो में उल्लेखनीय ह्यूमन-लेवल परफॉर्मेंस का प्रदर्शन किया है.
वहीं ह्यूमन-लेवल परफॉर्मेंस पर डेटा माइनिंग टूल का उपयोग करके बिल्डिंग ऑपरेशनल डेटा का विश्लेषण करने की इसकी क्षमता अनिश्चित बनी हुई है. बिल्डिंग सेक्टर वैश्विक ऊर्जा खपत में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है, जो दुनिया के अंतिम ऊर्जा उपयोग का लगभग 33 प्रतिशत है.
जबकि डेटा माइनिंग टेक्नोलॉजी बिल्डिंग्स में खपत होने वाली ऊर्जा का लगभग 15-30 प्रतिशत बचा सकती हैं, लेकिन उनकी श्रम-गहन प्रकृति के कारण उनका व्यावहारिक अनुप्रयोग सीमित हो गया है, जिसके चलते वास्तविक दुनिया में उपयोग के मामलों की कमी हो गई है.
नीदरलैंड में आइंडहोवन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी और चीन में झेजियांग यूनिवर्सिटी की टीम ने सीमित यूजर जानकारी प्रदान किए जाने पर भी, बिल्डिंग ऊर्जा भार का पूर्वानुमान लगाने वाले कोड उत्पन्न करने के लिए जीपीटी-4 की क्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है.