हैदराबाद: स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर हुआ निवेश वर्ष 2023 में बढ़कर 1.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की राह पर है. ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि जब सौर ऊर्जा पर होने वाले निवेश की मात्रा तेल उत्पादन पर होने जा रहे निवेश से ज्यादा हो जाएगी. आईईए की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक साफ ऊर्जा से जुड़ी प्रौद्योगिकियों में हो रहे निवेश की रफ्तार ने जीवाश्म ईंधन पर किए जा रहे खर्च की गति को उल्लेखनीय रूप से पछाड़ दिया है.
ऐसा इसलिए है क्योंकि वैश्विक स्तर पर ऊर्जा की किल्लत के चलते किफायत तथा सुरक्षा से जुड़े मुद्दों ने बिजली के सतत विकल्पों की तरफ लोगों के रुझान को तेजी से बढ़ाया है. आईईए की ताजा वर्ल्ड एनर्जी इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 में पूरी दुनिया में ऊर्जा क्षेत्र में 2.8 ट्रिलियन डॉलर का निवेश होने जा रहा है, जिसमें से 1.7 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की धनराशि को स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों जैसे- अक्षय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, परमाणु ऊर्जा, ग्रिड स्टोरेज, कम प्रदूषणकारी तत्वों के उत्सर्जन वाले ईंधन दक्षता सुधार तथा हीट पंप इत्यादि स्वच्छ प्रौद्योगिकियों पर निवेश किए जाने की संभावना है.
जीवाश्म ईंधन पर निवेश में 15 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की उम्मीद
बाकी धनराशि जो एक ट्रिलियन डॉलर से कुछ ही ज्यादा है, उसे कोयला गैस तथा तेल पर खर्च किया जाना है. वर्ष 2021 से 2023 के बीच साफ ऊर्जा पर होने वाले सालाना निवेश में 24 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होने की संभावना है, जबकि इसी अवधि में जीवाश्म ईंधन पर होने वाले निवेश में 15 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है. मगर फिक्र की बात यह है कि इसका 90 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा चीन जैसी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं की तरफ से खर्च किया जाएगा.
अगर दुनिया में स्वच्छ ऊर्जा रूपांतरण के काम ने तुरंत तेजी नहीं हासिल की, तो चीन का यह कदम यह वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में एक विभाजनकारी पहलू के उभरने का गंभीर खतरा होगा. आईईए के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर फातिह बिरोल ने कहा कि साफ ऊर्जा बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है. यह लोगों की सोच से भी ज्यादा तेज रफ्तार से कदम बढ़ा रही है. निवेश के रूप में इस तेजी को महसूस किया जा सकता है, क्योंकि स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर हो रहा निवेश जीवाश्म ईंधन से जुड़ी बिजली प्रौद्योगिकियों को पछाड़ रहा है.
पांच साल पहले दोनों का अनुपात था समान
उन्होंने आगे कहा कि जीवाश्म ईंधन पर खर्च हो रहे हर डॉलर के मुकाबले लगभग 1.7 डॉलर अब अक्षय ऊर्जा पर निवेश किये जा रहे हैं. पांच साल पहले यह अनुपात 1:1 का था. इसका एक चमकदार उदाहरण सौर ऊर्जा पर हो रहा निवेश है, जो इतिहास में पहली बार तेल उत्पादन पर होने वाले निवेश को भी पार करने जा रहा है. सौर ऊर्जा की अगुवाई में कम उत्सर्जन वाली बिजली उत्पादन प्रौद्योगिकियों पर कुल के करीब 90 प्रतिशत हिस्से के बराबर निवेश होने की संभावना है.
उपभोक्ता अब ज्यादा विद्युतीकृत उत्पादों पर खर्च कर रही हैं. हीट पंप की वैश्विक बिक्री में वर्ष 2021 से अब तक दोहरे अंकों की सालाना वृद्धि हो चुकी है. इसके अलावा इस साल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में भी एक तिहाई की बढ़ोत्तरी होने की संभावना है. वर्ष 2022 से ही इन वाहनों की खरीद में वृद्धि हुई है. स्वच्छ ऊर्जा में होने वाले निवेश में हाल के वर्षों में कई कारणों से तेजी आई है.
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