न्यूयॉर्क:एक शोध में यह बात सामने आई है कि आने वाले समय में 1.5 डिग्री तापमान वाली गर्म हवाओं का असर दक्षिण एशिया में कम हो जाएगा. गर्म हवाओं से भारत के फसल का उत्पादक राज्यों पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश को कोई नुकसान नहीं होगा. पत्रिका 'जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स' में प्रकाशित शोध-निष्कर्ष से ये संकेत मिले हैं कि आने वाले समय में ये गर्म हवाएं, जिनका तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बताया जा रहा है, की स्थिति धीरे-धीरे समान्य हो जाएंगी.
अमेरिका की ओक रिज नेशनल लेबोटरीज के एक शोधकर्ता मोतासिम अशफाक कहना है कि कम तापमान में भी इन गर्म हवाओं के परिणाम घातक हो सकते हैं. अशफाक का कहना है कि दक्षिण एशिया के लिए आने वाला समय कठिन भी हो सकता है, लेकिन इससे बचाव संभव है.
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भारत के कई हिस्सों में आगामी दशकों में चलेंगी कम असरदार गर्म हवाएं : शोध
जर्नल जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन ने बढ़ते तापमान के संबंध में एक चौंकाने वाला मुद्दा सामने आया है. इसके दक्षिण एशिया में और ज्यादातर भारत में गंभीर परिणाम होंगे. आने वाले समय में गर्म हवाएं, जिनका तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बताया जा रहा है, इनके परिणाम घातक हो सकते हैं. दक्षिण एशिया के लिए आने वाला समय कठिन भी हो सकता है, लेकिन इससे बचाव संभव है.
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इनपुट-आईएएनएस