दिल्ली

delhi

ETV Bharat / science-and-technology

भारत के कई हिस्सों में आगामी दशकों में चलेंगी कम असरदार गर्म हवाएं : शोध

जर्नल जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन ने बढ़ते तापमान के संबंध में एक चौंकाने वाला मुद्दा सामने आया है. इसके दक्षिण एशिया में और ज्यादातर भारत में गंभीर परिणाम होंगे. आने वाले समय में गर्म हवाएं, जिनका तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बताया जा रहा है, इनके परिणाम घातक हो सकते हैं. दक्षिण एशिया के लिए आने वाला समय कठिन भी हो सकता है, लेकिन इससे बचाव संभव है.

By

Published : Mar 29, 2021, 12:25 PM IST

भारत में गर्म हवाएं, Deadly heatwaves
भारत के कई हिस्सों में आगामी दशकों में चलेंगी कम असरदार गर्म हवाएं : शोध

न्यूयॉर्क:एक शोध में यह बात सामने आई है कि आने वाले समय में 1.5 डिग्री तापमान वाली गर्म हवाओं का असर दक्षिण एशिया में कम हो जाएगा. गर्म हवाओं से भारत के फसल का उत्पादक राज्यों पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश को कोई नुकसान नहीं होगा. पत्रिका 'जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स' में प्रकाशित शोध-निष्कर्ष से ये संकेत मिले हैं कि आने वाले समय में ये गर्म हवाएं, जिनका तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बताया जा रहा है, की स्थिति धीरे-धीरे समान्य हो जाएंगी.

अमेरिका की ओक रिज नेशनल लेबोटरीज के एक शोधकर्ता मोतासिम अशफाक कहना है कि कम तापमान में भी इन गर्म हवाओं के परिणाम घातक हो सकते हैं. अशफाक का कहना है कि दक्षिण एशिया के लिए आने वाला समय कठिन भी हो सकता है, लेकिन इससे बचाव संभव है.

भारत के कई हिस्सों में आगामी दशकों में चलेंगी कम असरदार गर्म हवाएं : शोध
शोधकर्ताओं के अनुसार, वर्ष 2017 में किया गया शोध गलत साबित हुआ है. उस समय शोधकर्ताओं ने भविष्यवाणी की थी कि 21वीं सदी में दक्षिण एशिया में घातक गर्म हवाएं चलेंगी. शोधकर्ताओं को लगता है कि पहले किया गया अध्ययन काफी सीमित था. इससे पहले भी ऐसा हुआ है कि इन गर्म हवाओं ने अपना प्रभाव दिखाया है. साल 2015 में भारत और पाकिस्तान में ऐसी ही गर्म हवाओं ने भारी तबाही मचाई थी, जिस वजह से 3500 मौतें हुई थीं.एक नए शोध के अनुसार, शोधकर्ताओं ने जनसंख्या वृद्धि के अनुमानों का प्रयोग कर यह जानने की कोशिश की है कि 1.5 से 2 डिग्री तक की गर्म हवाएं कितना प्रभावित कर सकती हैं. शोधकर्ताओं का अनुमान है कि वेट-बल्ब क्षेत्र में रहने वाले लोग अनुभव करेंगे कि यह तापमान को नियंत्रण में रखता है. वेट-बल्ब में 32 डिग्री तक का तापमान श्रम करने वालों के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता और 35 डिग्री तक मानव शरीर के तापमान की अधिकतम सीमा होती है. इससे ज्यादा मानव शरीर को ठंडक नहीं पहुंचाई जा सकती हैं.शोधकर्ताओं के सुझाव के अनुसार, बिना सुरक्षा के श्रम करना लोगों के लिए घातक हो सकता है. पिछले कुछ समय की तुलना की जाए तो ऐसा तापमान 2.7 गुणा लोगों के लिए घातक हो सकता है.शोधकर्ता अशफाक का कहना है कि ऐसी हवाएं दक्षिण एशिया के लिए खतरनाक होती हैं, लेकिन इनसे बचाव किया जा सकता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details