सैन फ्रांसिस्को:व्यापार और पेशेवर सेवाओं से जुड़े संगठन, रिटेल एवं आतिथ्य, वित्तीय, हेल्थकेयर और उच्च प्रौद्योगिकी ऐसे क्षेत्र रहे हैं, जिन्हें 2020 में साइबर अपराधियों ने विशेष तौर पर टारगेट किया है. मंगलवार को जारी एक नई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.
'फायरआई मैंडिएंट एम-ट्रेंड्स 2021' रिपोर्ट के अनुसार, खुदरा और आतिथ्य उद्योग से जुड़े संगठनों को 2020 में अधिक टागरेट (लक्षित) किया गया है, जो कि पिछले साल की रिपोर्ट में 11वें स्थान की तुलना में दूसरे सबसे अधिक लक्षित उद्योग के रूप में सामने आए हैं.
हेल्थकेयर (स्वास्थ्य देखभाल) क्षेत्र में भी साइबर हमलों में काफी वृद्धि हुई है, जो पिछले साल की रिपोर्ट में आठवें स्थान की तुलना में 2020 में तीसरा सबसे अधिक लक्षित उद्योग बन गया है.
चूंकि कोरोनावायरस महामारी के बाद से स्वास्थ्य एक ऐसा क्षेत्र रहा है, जिसकी भूमिका सबसे अधिक देखी गई है. इस बीच थ्रीट एक्टर्स (साइबर हमले में निपुण) द्वारा बढ़ाए गए फोकस को वैश्विक महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका से स्पष्ट किया जा सकता है.
जबकि पिछले वर्ष की रिपोर्ट में तुलनात्मक रूप से इस क्षेत्र में साइबर घुसपैठ में गिरावट देखी गई थी. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में अब साइबर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में साइबर हमलों की घटनाओं में 59 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और 2019 की तुलना में इसमें 12 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई है.
साइबर सिक्योरिटी कंपनी फायरआई के सहयोगी मैंडिएंट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर चार्ल्स कार्मकल ने एक बयान में कहा कि संगठनों के लिए बहुउद्देशीय एक्सटॉर्शन और रैंसमवेयर सबसे अधिक प्रचलित खतरे हैं. इस वर्ष की रिपोर्ट में, प्रत्यक्ष वित्तीय लाभ के लिए कम से कम 36 प्रतिशत घुसपैठ की संभावना है, जिसकी हमने जांच की है.
उन्होंने कहा कि डेटा की चोरी पीड़ित संगठनों तक अनधिकृत पहुंच अधिक देखी गई है. उन्होंने कहा किरैंसमवेयर एक्टर्स ने बड़े पैमाने पर जबरन वसूली मांगों का भुगतान करने की अधिक संभावना वाले संगठनों को लक्षित किया है.