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कश्मीर पर तालिबान के बयान की कांग्रेस ने की कड़ी निंदा

कश्मीर पर तालिबान के बयान की कांग्रेस पार्टी ने कड़ी निंदा की है. ईटीवी भारत से बात करते हुए कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने कहा कि तालिबान की यह सोच गलत है. कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है.

कांग्रेस ने की कड़ी निंदा
कांग्रेस ने की कड़ी निंदा

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Published : Sep 3, 2021, 9:30 PM IST

Updated : Sep 3, 2021, 11:05 PM IST

नई दिल्ली : तालिबान के शासन तले अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किए जाने की आशंका के बीच समूह ने शुक्रवार को कहा है कि उसे कश्मीर समेत हर कहीं मुस्लिमों के पक्ष में बोलने का अधिकार है. कांग्रेस पार्टी ने तालिबान के इस बयान की निंदा की है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने कहा कि तालिबान की यह सोच गलत है. कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. कश्मीर पर किसी अन्य देश या संगठन को बोलने का अधिकार नहीं है.

तारिक अनवर का बयान.

इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि मैं तालिबान के इस बयान की कड़ी निंदा करता हूं. यह भारत का आंतरिक मामला है. कश्मीर भारत का अटूट हिस्सा है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि तालिबान को कोई हक नहीं है, वो इस तरीके की बात करे. तालिबान को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए, क्योंकि अफगानिस्तान में हजारों लोग मारे जा रहे हैं. तालिबान को उनका ख्याल करना चाहिए. भारत सरकार को भी इस बयान की निंदा करनी चाहिए. मुझे अफसोस है कि भारत सरकार तालिबान से बात कर रही है.

राशिद अल्वी का बयान

दरअसल, दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने वीडियो लिंक के जरिए बीबीसी को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि हम आवाज उठाएंगे और कहेंगे कि मुस्लिम आपके अपने लोग हैं, आपके अपने नागरिक और उन्हें आपके कानून के तहत समान अधिकार मिलने चाहिए.

शाहीन ने कहा कि मुस्लिम होने के नाते यह समूह का अधिकार है कि वह कश्मीर तथा किसी भी अन्य देश में रह रहे मुस्लिमों के लिए आवाज उठाए. अमेरिका के साथ दोहा समझौते की शर्तों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी किसी भी देश के खिलाफ सशस्त्र अभियान करने की कोई नीति नहीं है.

यह भी पढ़ें-हमें कश्मीर समेत हर जगह मुस्लिमों के लिए आवाज उठाने का अधिकार है : तालिबान

कुछ दिन पहले नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान के अनुरोध पर दोहा में उसके राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की. उन्होंने भारत की उन चिंताओं को उठाया कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा था कि हमारा ध्यान इस बात पर है कि अफगान धरती का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों और किसी भी तरह के आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए और तालिबान को मान्यता देने की संभावनाओं के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.

Last Updated : Sep 3, 2021, 11:05 PM IST

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