बीजिंग/श्रीहरिकोटा : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO ) ने चंद्रयान-तीन मिशन को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को दोपहर प्रक्षेपण यान मार्क 3 (एलवीएम3) से प्रक्षेपित करने की योजना है. इस बीच चीन के समानव अंतरिक्ष परियोजना कार्यालय ने 12 जुलाई को समानव चंद्र लैंडिंग की प्रारंभिक योजना सार्वजनिक की. इसके मुताबिक चीनी अंतरिक्ष यात्री वर्ष 2030 से पहले चंद्र पर कदम रखेंगे और वैज्ञानिक सर्वेक्षण करेंगे.
मध्य चीन के वुहान शहर में आयोजित नौवें चीन अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड्डयन के शिखर सम्मेलन पर चीनी समानव अंतरिक्ष परियोजना कार्यालय के उप प्रमुख डिजाइनर चांग हाईल्येन ने बताया कि योजना के अनुसार चीन वर्ष 2030 से पहले समानव चंद्र लैंडिंग पूरा कर वैज्ञानिक सर्वेक्षण चलाएगा और इसके बाद चंद्र पर वैज्ञानिक अनुसंधान परीक्षा स्टेशन स्थापित करेगा. चीन की प्रारंभिक योजना के मुताबिक चीन दो वाहक रॉकेटों से अलग-अलग तौर पर एक चंद्र लैंडर और एक समानव स्पेस क्राफ्ट चंद्र कक्षा में पहुंचाएगा. स्पेस क्रॉफ्ट और लैंडर के जुड़ाव होने के बाद अंतरिक्षयात्री लैंडर में प्रवेश करेंगे. इसके बाद लैंडर चांद पर निर्धारित क्षेत्र पर उतरेगा और अंतरिक्षयात्री चांद पर जाकर वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर नमूने एकत्र करेंगे. निर्धारित कार्य पूरा करने के बाद अंतरिक्ष यात्री लैंडर पर सवार होकर चांद की कक्षा में वापस आएंगे और स्पेस क्रॉफ्ट में प्रवेश कर पृथ्वी पर लौटेंगे.