बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- ISRO ने ‘लैंडर हजार्ड डिटेक्टशन एंड अवॉइडेंस कैमरा’ - LHDAC में कैद की गई चंद्रमा के सुदूर पार्श्व भाग की तस्वीरें सोमवार को जारी कीं. LHDAC को इसरो के अहमदाबाद स्थित प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र ‘स्पेस ऐप्लीकेशंस सेंटर’- SAC ने विकसित किया है. यह कैमरा लैंडिंग के लिहाज से सुरक्षित उन क्षेत्र की पहचान करने में मदद करता है, जहां बड़े-बड़े पत्थर या गहरी खाइयां नहीं होती हैं.
ISRO के अनुसार, चंद्रयान-3 मिशन के कई लक्ष्यों को हासिल करने के लिए लैंडर में LHDAC जैसी कई अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी मौजूद हैं. चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था और इसका मकसद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की उपलब्धि हासिल करना है. इसरो ने रविवार को कहा कि रोवर के साथ लैंडर मॉड्यूल के 23 अगस्त को शाम तकरीबन छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरने की संभावना है. इसरो ने कहा है कि चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा की सतह पर 23 अगस्त को साफ्ट लैंडिंग ( Chandrayaan 3 Vikram Lander Soft landing) करेगा.इस दौरान उसका सीधा प्रसारण 23 अगस्त को शाम 5.27 बजे से किया जाएगा.
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