नई दिल्ली : चुनावों के दौरान किसी दस्तावेज का अभाव, छेड़छाड़ न की गई सामग्री, चित्रों और वीडियो के रूप में साक्ष्यों की कमी, बाद में की गई शिकायत के सच को प्रमाणित करने में एक बड़ी बाधा थी. आयोग को यह भी अनुभव हुआ है कि रिपोर्टिंग का काफी बड़ा प्रतिशत गलत था जिसके कारण फील्ड यूनिटों का समय व्यर्थ हो गया.
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किए गए नए सी-विजिल (नागरिक सतर्कता) ऐप से इन सभी कमियों को दूर करने और फॉस्ट-ट्रेक शिकायत प्राप्ति एवं निवारण प्रणाली बनाई गई है. सी-विजिल (नागरिक सतर्कता) नागरिकों के लिए निर्वाचनों के दौरान आदर्श आचार संहिता और व्यय के उल्लंघन की रिपोर्ट करने हेतु एक नया मोबाइल ऐप है.
क्या है सी-विजिल ऐप
cvigil1.pngसी-विजिल उपयोगकर्ता अनुकूल और आसानी से संचालित किया जाने वाला एक एंड्रायड एप्लिेकशन है. जिसका उपयोग विधान सभा निर्वाचन अधिसूचना की तारीख से उल्लंघनों की रिपोर्टिंग के लिए किया जा सकता है. इस ऐप की एक विशेषता यह है कि यह उड़नदस्तों को समय से कार्य करने के लिए डिजिटल साक्ष्य सुनिश्चित कराएगा. ऐप ऑटो लोकेशन कैप्चर के साथ जीवंत फोटो/वीडियो लेने की अनुमति देता है. इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है.
कैसे करेगा काम
इस ऐप को कैमरा, अच्छे इन्टरनेट कनेक्शन और जीपीएस वाले किसी भी एंड्रॉइट स्मार्टफोन पर इंस्टॉल किया जा सकता है. कोई भी नागरिक, राजनीतिक कदाचार की घटनाओं के घटने के कुछ ही मिनटों में उनकी तत्काल रिपोर्ट कर सकते हैं, जिसके लिए रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में तत्काल जाने की जरूरत नहीं होती. सी-विजिल, सतर्क नागरिकों को जिला नियन्त्रण कक्ष, रिटर्निंग अधिकारी और फील्ड यूनिट (उड़न दस्तों)/स्थैतिक निगरानी दलों के साथ जोड़ता है, जिससे एक तीव्र और सटीक रिपोर्टिंग, कार्रवाई और निगरानी प्रणाली सक्रिय होती है.
यह भी पढ़ें- पांच राज्यों में चुनाव का एलान, आदर्श आचार संहिता लागू
ऐसे होगा ऑपरेट