अमरावती : आंध्र प्रदेश सरकार प्रशासन (Andhra Pradesh government) में एहतियाती सतर्कता के जरिए भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए एक विशेष कार्य योजना पर काम कर रही है. राज्य सरकार ने इसके लिए 1964 की संथानम कमेटी की रिपोर्ट का रुख किया है और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), अहमदाबाद की 2020 की सिफारिशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है.
मुख्य सचिव आदित्य नाथ दास (Chief Secretary Aditya Nath Das ) ने दो दिन पहले एक आदेश जारी कर सभी विभागों और अन्य सरकारी एजेंसियों को अपने अधिकार क्षेत्र वाले कार्यालयों से जुड़ी एक विशेष कार्य योजना तैयार करने को कहा है, जबकि आंध्र प्रदेश सतर्कता आयुक्त वीणा इश ने तीन पृष्ठों का पत्र वितरित कर संथानम कमेटी की 1964 की रिपोर्ट में जिक्र किये गये एहतियाती सतर्कता के महत्व का विवरण दिया है.
अधिकारियों के मुताबिक, 'इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार की रोकथाम करना और एक ईमानदार, पारदर्शी, दक्ष और नागरिक हितैषी प्रशासन स्थापित करना है.'
राजस्व एवं पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग को विशेष कार्य योजना तैयार करने के लिए मॉडल विभाग के रूप में चुना गया है. हालांकि, कार्य योजना तैयार करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है.