नई दिल्ली :अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी तंबाकू विरोधी चेतावनी दिखानी होगी. केंद्र सरकार ने इसके लिए अधिसूचना जारी है. अधिसूचना के मुताबिक ओटीटी प्लेटफार्मों पर तंबाकू से होने वाले नुकसान की चेतावनी दिखाना अनिवार्य है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इन दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भी सख्त कार्रवाई करेगा.
भारत सरकार का मानना है कि टेलीविजन और सिनेमाघरों की ही तरह ऑनलाइन देखे जाने वाले ओटीटी प्लेटफार्म की लोकप्रियता भी लगातार बढ़ी है. विशेषज्ञों का कहना है कि ओटीटी भी एक ऐसा मनोरंजन का साधन है जो कि लोगों पर अपनी छाप छोड़ रहा है. ओटीटी के दर्शक बड़ी संख्या में युवा वर्ग से जुड़े व्यक्ति हैं. ऐसे में यह जरूरत महसूस की गई कि इन युवाओं के मस्तिष्क पर अपनी छाप छोड़ने वाले ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी तंबाकू विरोधी चेतावनी दिखाया जाना अनिवार्य हो. इस पूरी कवायद का उद्देश्य तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति युवाओं को सचेत करना और इससे बचाना है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह अधिसूचना विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) पर जारी की है. केंद्रीय सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक ओटीटी पर कार्यक्रम की शुरूआत में और मध्य में कम से कम तीस सेकंड की अवधि के तम्बाकू रोधी स्वास्थ्य स्पॉट्स को प्रदर्शित किए जाएंगे. कार्यक्रम में तम्बाकू उत्पादों या उनके उपयोग के प्रदर्शन की अवधि के दौरान स्क्रीन के नीचे सुपष्ट स्थिर संदेश के रूप में तम्बाकू रोधी स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित करना होगा. कार्यक्रम की शुरूआत और मध्य में तंबाकू के उपयोग के कुप्रभावों पर न्यूनतम बीस सेकंड की अवधि का एक दृश्य-श्रव्य डिस्क्लेमर प्रदर्शित करना होगा. ऑनलाइन क्यूरेटिड कंटेंट के प्रकाशक को स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर स्वास्थ्य स्पॉट्स, संदेश और डिस्क्लेमर उपलब्ध कराया जाएगा.
इसके अलावा भी सूचना में यह भी कहा गया है कि तंबाकू रोधी स्वास्थ्य चेतावनी संदेश सफेद पृष्ठभूमि पर काले रंग के फॉन्ट में 'तंबाकू से कैंसर होता है' या 'तंबाकू जानलेवा है' चेतावनी के साथ सुपाठ्य और पठनीय होगा'. तम्बाकू रोधी स्वास्थ्य चेतावनी संदेश, स्वास्थ्य स्पॉट्स और दृश्य-श्रव्य डिस्क्लेमर, उसी भाषा में होगी जिसका उपयोग ऑनलाइन क्यूरेटिड कंटेंट में किया गया है.
यदि ऑनलाइन क्यूरेटिड कंटेंट का प्रकाशक उपबंधों का पालन करने में असफल रहता है, तो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों वाली एक अंतर-मंत्रालय समिति, स्वत: प्रेरणा से या किसी शिकायत पर कार्रवाई करेगी.(आईएएनएस)