नई दिल्ली : आईआईटी ने पुलों की स्थिति का अनुमान और उनके जीवन की भविष्यवाणी करने के लिए मशीन लर्निंग व एआई डेटा-संचालित तरीका तैयार किया है. यह AI algorithm मानव हस्तक्षेप के बिना ही संरचनात्मक क्षति की पहचान कर सकते हैं. विशेष रूप से प्रीस्ट्रेस्ड कंक्रीट और केबल आधारित पुलों पर यह रियल टाइम और महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा सकता है. इस पर IIT Mandi के शोधकर्ताओं का कहना है कि एआई-आधारित एल्गोरिदम का प्रयोग व्यापक रूप से किया जा सकता है.
यह केवल पुलों तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि इसका उपयोग रोपवे, इमारतों, एयरोस्पेस संरचनाओं, ट्रांसमिशन टावरों और समय-समय पर स्थिति मूल्यांकन और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता वाले विभिन्न बुनियादी ढांचों जैसी संरचनाओं में भी किया जा सकता है. IIT Mandi का कहना है कि पुल भारत के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और देशभर में इनकी संख्या लगभग 13500 है. यह संरचनाएं तापमान में परिवर्तन, पानी और हवा जैसे पर्यावरणीय कारकों के कारण प्राकृतिक रूप से पुरानी हो जाती हैं. जिसको भारी सड़क यातायात ने और बढ़ा दिया है.
परंपरागत रूप से पुलों की स्थिति का आकलन दृश्य निरीक्षण के माध्यम से किया जाता रहा है जबकि विशेषज्ञों द्वारा इस पद्धति को अपर्याप्त माना गया है. यह सभी संरचनात्मक मुद्दों का पता लगाने में असफल रहता है और यह अधिक समय लेने वाली प्रक्रिया है, जिसमें कई तस्वीरों का मैन्युअल विश्लेषण किया जाता है. इन अध्ययनों के निष्कर्ष को हाल ही में मैकेनिकल सिस्टम्स एंड सिग्नल प्रोसेसिंग और न्यूरल कंप्यूटिंग एंड एप्लीकेशन पत्रिकाओं में प्रकाशित किया गया है.