देहरादून : थाना बसंत विहार क्षेत्र के अंतर्गत इंजीनियर एन्क्लेव स्थित जीवन परिवर्तन नशा मुक्ति केंद्र से रविवार को मौका देखकर 12 युवक खिड़की तोड़कर भाग गए. फरार 12 युवकों में एक नाबालिग भी शामिल है. हालांकि पुलिस ने 12 में 10 युवकों को ढूंढ लिया है.
नशा मुक्ति केंद्र के संचालक ने जैसे ही बसंत विहार थाने को जानकारी दी कि उनके यहां से 12 युवक भाग गए हैं तो पुलिस ने सभी थानों को मामले की सूचना दी. इसके साथ ही भागे युवकों की तलाश की गई. हालांकि सोमवार (23 अगस्त) सुबह तक 12 में 10 युवक अपने घर पहुंच चुके थे, बाकी दो युवकों की अपने परिजनों से फोन पर बात हो चुकी है जो जल्द ही अपने घर पहुंच जाएंगे.
वहीं, पुलिस अब फरार हुए युवकों से पूछताछ कर रही है. जानकारी जुटाई जा रही है कि वो फरार क्यों हुए थे. जानकारी के मुताबिक इंजीनियर एन्क्लेव स्थित जीवन परिवर्तन नशा मुक्ति केंद्र में रविवार शाम को मौका देखकर 12 युवक खिड़की तोड़कर भाग गए थे. इन्होंने पहले केंद्र की खिड़की तोड़कर निकलने का रास्ता बनाया और उसके बाद फरार हुए थे.
बताया जा रहा है कि इससे पहले भी उन्होंने खिड़की के पेंच खोलकर भागने की कोशिश की थी. तब संचालक को मौके पर सूचना मिल गई थी और उसने खिड़की को ठीक करवा लिया था. बता दें कि इससे पहले भी क्लेमेंटाउन थाना क्षेत्र में दो अलग-अलग नशा मुक्ति केन्द्रों में से लड़के और लड़कियां फरार होकर अपने घर पहुंच चुके हैं.
थाना बसंत विहार प्रभारी देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि फरार 12 युवकों में से 10 युवक अपने घर पहुंच चुके हैं. बाकी दो युवकों की अपने परिजनों से फोन पर बात हो चुकी है. ये भी जल्द ही अपने घर पहुंच जाएंगे. साथ ही पुलिस फरार हुए युवकों से पूछताछ कर रही है कि केंद्र से फरार होने के क्या कारण हो सकते हैं?
चार लड़कियों का हुआ था यौन उत्पीड़न
गौरतलब है कि देहरादून के नशा मुक्ति केंद्रों की अनियमितता समय-समय पर सामने आती रही है. 5 अगस्त को क्लेमेंटाउन थाना क्षेत्र स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र से 4 लड़कियां फरार हो गई थीं. इन लड़कियों को जब ढूंढ निकाला गया तो इन्होंने बड़ी दर्दनाक कहानी बताई. लड़कियों ने बताया था कि नशा मुक्ति केंद्र का संचालक विद्या दत्त रतूड़ी उनके साथ दुष्कर्म करता था.
लड़कियों ने ये भी खुलासा किया था कि नशा मुक्ति केंद्र की महिला वॉर्डन विद्या दत्त रतूड़ी का साथ देती थी. जब वो विद्या दत्त रतूड़ी की मांग का विरोध करती थीं तो उन्हें कड़ी सजा दी जाती थी. उन्हें कई दिन भूखा रखा जाता था. नुकीली ईंटों पर बिठाया जाता था. फिलहाल विद्या दत्त रतूड़ी और महिला वॉर्डन जेल में हैं.
क्यों नशा मुक्ति केंद्रों से फरार हो रहे युवा
उत्तराखंड में नशा मुक्ति केंद्रों से लगातार फरार हो रहे लोग वही हैं जो बिना नशे के नहीं रह सकते. एसएसपी देहरादून योगेंद्र सिंह रावत बताते हैं कि नशा मुक्ति केंद्रों में वो लगातार नशे की मांग करते हैं, लेकिन वहां का प्रशासन उनकी यह आदत छुड़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करता है. नशे की लत के कारण उनका शरीर और वो खुद तैयार नहीं होते ऐसे में न तो वह ठीक से खाना खाते हैं और न ही अपना ध्यान रख पाते हैं. नशे की आदत से पूरी तरह से ग्रसित ये लोग किसी भी तरह से वहां से बाहर निकलना चाहते हैं और यही कारण है कि महिला हो या पुरुष नशा मुक्ति केंद्र से भागने का हर तरीका अपनाते हैं. कई बार ये लोग भागने में कामयाब भी हो जाते हैं. ऐसे में कई बार परिवार की सहमति से उन्हें वापस नाश मुक्ति केंद्र में भेज दिया जाता है या फिर परिवार उन्हें रोक लेता है. ऐसे में कोर्स अधूरा रहने के बाद ये लोग फिर से इस लत में पड़ जाते हैं.
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