हैदराबाद :मात्र 360 वर्ग किलोमीटर में बसा गाजा शहर (City of Gaza), जो 23 लाख निवासियों का घर है, अब लगातार हमले का खामियाजा भुगत रहा है. इज़रायली सेनाएं अनगिनत असहाय बच्चों और महिलाओं को अकथनीय पीड़ा पहुंचा रही हैं.
पश्चिम एशिया में अंतहीन हिंसा को रोकने के लिए जैसा कि भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने रेखांकित किया है कि शांति वार्ता के माध्यम से मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर एक स्वतंत्र, संप्रभु फिलिस्तीन की स्थापना अनिवार्य है.
सामूहिक विनाश के हथियार केवल मानवीय संकट को बढ़ाने का काम करते है, ये सद्भाव को बढ़ावा नहीं दे सकते. शांति की कल्पना ही निर्दोषों के खून से सनी मिट्टी को सुखा सकती है. पश्चिम एशियाई क्षेत्र में संघर्ष की वर्तमान वृद्धि इस गंभीर वास्तविकता का एक स्पष्ट प्रमाण है.
हमास आतंकियों के क्रूर हमले के जवाब में इजरायल गाजा को लगातार तबाह करने में लगा हुआ है. मात्र 360 वर्ग किलोमीटर के दायरे में सिमटा शहर जो 23 लाख निवासियों का घर है, निरंतर हमले का खामियाजा भुगत रहा है. इजरायली सेनाएं अनगिनत असहाय बच्चों और महिलाओं को अकथनीय पीड़ा पहुंचा रही हैं, जबकि सभी यह दावा कर रहे हैं कि उनका इरादा गाजा के लोगों के खिलाफ युद्ध छेड़ने का नहीं है.
घटनाओं के एक खतरनाक मोड़ में उत्तरी गाजा में एक करोड़ दस लाख फिलिस्तीनियों को आसन्न खतरे से बचने के लिए 24 घंटे की कठिन समय सीमा के भीतर अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस विनाशकारी संघर्ष की छाया में आम नागरिकों की दुर्दशा और भी अधिक अनिश्चित हो गई है. ऐसे में यह सवाल बड़ा है कि आठ दिन पहले घटी प्रलयंकारी घटनाओं की चिंगारी किसने भड़काई, जिसकी परिणति उस अनवरत हिंसा के रूप में हुई जो आज हम देख रहे हैं?
दिसंबर 2022 में इज़रायल में प्रधानमंत्री के पद पर आसीन हुए बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी चुनावी जीत को सुरक्षित करने के लिए दूर-दराज़ चरमपंथी गुटों के समर्थन का इस्तेमाल किया, जिससे देश के इतिहास में सबसे सांप्रदायिक सरकार का उदय हुआ.
उनकी कैबिनेट नियुक्तियों में फ़िलिस्तीनी अस्तित्व के प्रति ज़बरदस्त घृणा रखने वाले कई नस्लवादी व्यक्ति शामिल थे. उनके समर्थन से उत्साहित होकर इजरायली निवासियों ने वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम पर अनियंत्रित आक्रामकता की बाढ़ ला दी है. अकेले जून महीने में फिलिस्तीनियों के खिलाफ आगजनी सहित लगभग 310 हमले हुए, जबकि इस साल की पहली छमाही में वेस्ट बैंक में 200 से अधिक फिलिस्तीनियों को जान गंवानी पड़ी.
यहां तक कि इज़रायल के विपक्षी नेता बेनी गैंट्ज़ ने भी हिंसा के इन कृत्यों की निंदा करने से परहेज नहीं किया है, और इन्हें यहूदी राष्ट्रवाद के गुमराह तनाव से उत्पन्न आतंकवाद की खतरनाक अभिव्यक्तियां बताया है.
काफी समय से चिंता की आवाजें गूंज रही थीं, जिसमें चेतावनी दी गई थी कि नेतन्याहू के नेतृत्व में इजरायली सरकार फिलिस्तीनी आबादी के साथ दुर्व्यवहार के साथ संभावित विनाशकारी परिणामों के बीज बो रही है. अफसोस की बात है कि ये अशुभ भविष्यवाणियां अब सच हो गई हैं, क्योंकि संघर्ष के निरंतर तांडव के बीच आम नागरिकों का जीवन बेरहमी से छीन लिया गया है.
इज़रायल में अत्याचार करने और कई इज़रायलियों के अपहरण के लिए जिम्मेदार संगठन हमास की उत्पत्ति का पता ऐतिहासिक, राजनीतिक और क्षेत्रीय कारकों के जटिल जाल से लगाया जा सकता है. इस संघर्ष के मूल कारण उथल-पुथल भरे इतिहास में गहराई से छिपे हुए हैं.