नई दिल्ली:सीपीडब्ल्यूडी की डुप्लीकेट वेबसाइट बनाकर एक गैंग लोगों को नौकरी का झांसा देने लगा. फर्जी परीक्षा आयोजित करने से लेकर ऑफर लेटर तक लोगों को दिए गए. लेकिन इसकी भनक सीपीडब्ल्यूडी को लगी तो उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की. पुलिस ने गैंग के सरगना सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
CPWD की फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी डीसीपी ईश सिंघल के अनुसार बीते 2 वर्षों से सीपीडब्ल्यूडी की मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर लोगों को नौकरी का झांसा देकर उनके साथ ठगी की जा रही थी. लोगों को झांसे में लेने के लिए जालसाजों ने सीपीडब्ल्यूडी की वेबसाइट से भी कुछ जानकारियां लेकर अपनी वेबसाइट पर चिपका दी थी. वह न केवल फर्जी परीक्षा आयोजित कर रहे थे, बल्कि पीड़ितों को ऑफर लेटर भी दिया जा रहा था. इसे लेकर सीपीडब्ल्यूडी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल की तरफ से दो एफआईआर साउथ एवेन्यू थाने में दर्ज कराई गई थी. इस मामले की जांच चाणक्यपुरी एसीपी प्रज्ञानंद की देखरेख में एसएचओ सुहेब फारूकी की टीम ने शुरू की.
सरगना सहित तीन आरोपी हुए गिरफ्तार
पुलिस टीम ने सबसे पहले उस मोबाइल नंबर का पता लगाया, जिससे इस वेबसाइट को बनाया गया था. इससे पता चला कि वह शख्स रामदयाल है. बीते 12 अक्टूबर को गुप्त सूचना पर पुलिस टीम ने महिपालपुर इलाके से रामदयाल सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से एक लैपटॉप, 5 स्मार्टफोन और फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि अमित कुमार इस गैंग का सरगना है. वह बीटेक तृतीय वर्ष तक देहरादून के दून इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ा है. वर्ष 2015 में उसके पिता का देहांत हो गया था, जिसके बाद परिवार की जिम्मेदारी उस पर आ गई. इसलिए पढ़ाई छोड़ कर वह कॉल सेंटर में काम करने लगा.
पहले बताया खुद को इंजीनियर फिर शुरु की ठगी
इस दौरान उसकी शादी हुई तो उसने अपने ससुराल पक्ष को बताया कि वह सीपीडब्ल्यूडी में इंजीनियर है. इसके लिए उसने एनएचएआई का फर्जी आईकार्ड भी दिखाया. उसके कुछ दोस्त भी उससे प्रभावित थे और वह भी सरकारी नौकरी पाना चाहते थे. इसलिए उसने वेबसाइट बनाकर लोगों से ठगी का काम शुरू किया. 2018 में उसने लखनऊ में यह वेबसाइट बनाई. इसके बाद वह रामदयाल और गुरदीप से freelancer.com के माध्यम से मिला. उसने खुद को केरला का सीपीडब्ल्यूडी मैनेजर बताकर उनसे वेबसाइट बनवाई. दोनों को शक हुआ कि एक सरकारी विभाग प्राइवेट व्यक्ति से यह वेबसाइट क्यों बना रहा है. उन्होंने उससे पूछा भी लेकिन अमित ने उन्हें लालच देकर चुप करा दिया.
12 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी
इसके बाद वह लोगों से ठगी करने लगे. अब तक 50 से ज्यादा युवाओं से 10 से 12 लाख रुपए की ठगी की जानकारी पुलिस के सामने आ चुकी है. पुलिस ने ठगी की रकम से लखनऊ में खरीदी गई जमीन के दस्तावेज और अमित की कार जब्त कर ली है. पुलिस ने फिलहाल तीनों आरोपियों को अदालत के समक्ष पेश कर रिमांड पर लिया है. गिरफ्तार किया गया अमित कुमार लखनऊ का रहने वाला है और बीटेक तृतीय वर्ष तक पढ़ा हुआ है. दूसरा आरोपी रामदयाल राजस्थान के गंगानगर का रहने वाला है और वह 12वीं कक्षा तक पढ़ा है. तीसरा आरोपी गुरदीप राजस्थान के गंगानगर का रहने वाला है और वह बीए पढ़ा हुआ है.