नई दिल्ली/गुरुग्राम:कोविड-19 की प्रायोगिक दवा रेमडेसिवीर की तस्करी का नेटवर्क गुरुग्राम के अलावा तीन और राज्यों में फैला हुआ है. एसआईटी की गिरफ्त में आए रेमडेसिवीर निर्माता कंपनी हेट्रो हेल्थ केयर के डिस्ट्रीब्यूटर ने इसका खुलासा किया है.
जयपुर से पकड़े गए डिस्ट्रीब्यूटर हरिओम से खुलासा हुआ है कि कंपनी से दवा मंगवाने के बाद उसे गैरकानूनी तरीके से आगरा स्थित दवा के थोक सप्लायर को बेचा जाता था. वहां पर दिल्ली और उसके बाद गुरुग्राम पहुंचती थी. जिसके बाद इराकी तस्कर मुंह मांगे दाम पर इसे इराक में बेचते थे. एसआईटी प्रभारी एसीपी करन गोयल का कहना है कि इस मामले में 4 इराकी समेत 11 लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी है. पकड़े गए आरोपियों से पता लगाया जा रहा है कि ये अब तक कितने इंजेक्शन बेच चुके हैं.
ये है पूरा मामला
एसीपी करण गोयल के नेतृत्व में एसआईटी ने गुरुवार को जयपुर से जुड़े लिंक के बाद आगरा और जयपुर में छापेमारी की. एसआईटी ने जयपुर से हरिओम टिक्कीवाल और आगरा निवासी अमित अग्रवाल को गिरफ्तार किया. जांच में खुलासा हुआ कि जयपुर में क्रोम फार्मास्यूटिकल संचालक हरिओम हेट्रो हेल्थ केयर का अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर है.
जांच में खुलासा हुआ है कि यहीं से नेटवर्क के जरिए इराकी तस्करों तक रेमडेसिवीर दवा पहुंचती थी. एसआईटी यहां से मिली रेमडेसिवीर का ऑडिट करवाने की तैयारी कर रही है, ताकि ये पता लग सके कि कंपनी से निकलने के बाद कितने इंजेक्शन की तस्करी हुई. इस मामले में अभी तक 4 इराकी नागरिक, 5 फार्मासिस्ट, एक थोक विक्रेता और कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर गिरफ्तार हो चुका है.
इस तरह चल रहा था दवा तस्करों का पूरा नेटवर्क
एसआईटी अधिकारियों के मुताबिक जयपुर निवासी दवा डिस्ट्रीब्यूटर हरिओम टिक्कीवाल हेल्थ केयर कंपनी से 4200 रुपये प्रति इंजेक्शन पर रेमडेसिवीर दवा खरीदता था. इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से अधिकृत सरकारी और निजी अस्पतालों में सप्लाई की आड़ में रेमडेसिवीर को बिना बिल से आगरा स्थित दवा के थोक विक्रेता अमित अग्रवाल को बेचता था.
अमित और उसका भाई मुकेश दिल्ली के हौज खास स्थित रुद्र मेडिकोज के संचालक और फार्मासिस्ट तरुण गोयल को आगे बेचते थे. फिर यहां से फ्रेंड्स मेडिकोज के दवा विक्रेता साजिद और फैजान तक दवा आती थी. जहां से गुरुग्राम निवासी प्रदीप दवा को खरीदकर 18 हजार रुपये में इराकियों को बेच देता था. इराकी इस दवा को इराक में 1 लाख प्रति इंजेक्शन की दर पर इसे बेचते थे. पुलिस और एसआईटी इन सभी को गिरफ्तार कर चुकी है.