दुबई : कोरोना वायरस महामारी के दौरान हज यात्रा शुरू होने पर चेहरे पर मास्क लगाए हजयात्रियों के छोटे-छोटे समूह पवित्र स्थल मक्का पहुंचने लगे हैं. हज करने को इस्लाम धर्म में खास अहमियत दी गई है. माना जाता है कि इस्लाम मानने वाले हर शख्स को अपने जीवन में एक बार हज यात्रा जरूर करनी चाहिए.
हज का मुख्य उद्देश्य आपसी प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देना है. साथ ही मुसलमानों में शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से विनम्रता और एकता लाना है.
हर साल की तरह इस बार हज यात्री कंधे से कंधा मिलाकर प्रार्थना नहीं कर पाएं. इस साल सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए 20 लोगों के छोटे समूहों ने अलग-अलग खड़े होकर प्रार्थना की.
हजयात्रा एक पारंपरिक यात्रा है जिसे हर साल मुस्लिम अपने रिश्तेदारों और परिवारजनों के साथ किया करते थे. बच्चे अपने बुजुर्ग माता-पिता को व्हीलचेयर पर बिठाकर हजयात्रा कराते थे और छोटे बच्चों को पीठ पर लाद कर ले जाते थे. ये नजारा बहुत आम हुआ करता था. लेकिन इसबार नजारा कुछ अलग रहा.
दुनिया भर के 2.5 मिलियन से अधिक लोग सांप्रदायिक भावना से ऊपर उठकर और शिया- सुन्नी के मतभेदों को भुलाकर एक साथ प्रार्थना करना, एक साथ खाना और पश्चाताप करना लंबे समय से इस यात्रा का हिस्सा रहा है.