रियाद : सऊदी अरब के किंग सलमान ने नाबालिगों द्वारा किए गए अपराधों के लिए मौत की सजा को समाप्त करने का आदेश दिया है. यह निर्णय सार्वजनिक जगह पर कोड़े मारने की सजा खत्म करके जेल भेजना, जुर्माना या सामुदायिक सेवा जैसे विकल्पों से बदलने के आदेश के बाद आया है.सऊदी अरब के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी है.
माना जाता है कि राज्य के प्रतिबंधों के ढीलेपन और वहाबी विचारधारा के रूप में विख्यात इस्लामी कानून की रुढ़ीवादी प्रथा को खत्म करने के पीछे किंग सलमान के पुत्र क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का हाथ है.
प्रिंस ने देश को आधुनिक बनाने, विदेशी निवेश को आकर्षित करने और विश्व स्तर पर सऊदी अरब की प्रतिष्ठा को फिर से विकसित करने की मांग की है.
प्रिंस सलमान के लिए काम करने वाले एजेंटों द्वारा तुर्की में सऊदी लेखक जमाल खशोगी की 2018 हत्या के कारण उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी आलोचना झेलनी पड़ी थी.
किंग सलमान द्वारा दिए गए नवीनतम शाही फरमान में देश के अल्पसंख्यक शिया समुदाय के कम से कम छह लोगों को मौत की सजा खत्म की जा सकती है, जिन्होंने कथित रूप से 18 साल से कम उम्र में अपराध किए थे. इनमें अली अल-निम्र भी शामिल थे, जिन्होंने सरकार विरोधी प्रदर्शनों में भाग लिया था. इस तरह की गतिविधि शासक को परेशान करने और शासक की अवज्ञा करने के लिए आतंकवाद से संबंधित मानी जाती हैं.
द एसोसिएटेड प्रेस द्वारा देखे गए एक दस्तावेज में, शाही फरमान अभियोजकों को उन मामलो की समीक्षा करने और सजा कम करने का आदेश दिया है, जिन्होंने कम से कम दस वर्ष की सजा काट ली है.
हालांकि, फरमान में कहा गया है कि नाबालिगों के आतंकवाद संबंधी मामलों को अलग तरीके से निबटा जाएगा. यह स्पष्ट नहीं था कि क्या ये मामले 10 साल की जेल की सीमा से बंधे होंगे.
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बता दें कि पिछले वर्ष सऊदी अरब ने 16 वर्षीय अली अल-निम्र को सरकार विरोधी प्रदर्शन में शामिल होने के लिए मौत की सजी सुनाई गई थी, जिसको लेकर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सऊदी सरकार की निंदा करते हुए इसे खत्म करने को कहा था.