वाशिंगटन:अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच शांति समझौते का प्रयास हाल फिलहाल खटाई में जाता नजर आ रहा है. ये दावा संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations Organization) की एक रिपोर्ट में किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया और मध्य एशिया में सक्रिय आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत-खोरासन (ISIL-K) के नेता अमेरिका तथा अफगान तालिबान के बीच हुए शांति समझौते को खारिज कराने के लिए तालिबान को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं. रिपोर्ट में युद्ध ग्रस्त देश में पहले से ही अस्थिर सुरक्षा स्थिति के और बिगड़ने का खतरा होने पर चिंता जताई गई है.
एनालिटिकल सपोर्ट एंड सैंगशंज मॉनिटरिंग टीम की 28वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि फिर से सिर उठाने की कोशिश में आईएसआईएल-खुरासन ने नए समर्थकों की भर्ती और प्रशिक्षण की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके नेताओं को तालिबान के उन आतंकवादियों को भी शामिल करने की उम्मीद है, जिन्होंने अमेरिका और तालिबान के बीच अफगानिस्तान में शांति लाने का समझौता खारिज कर दिया है. उसे सीरिया, इराक और अन्य संघर्षरत देशों से लड़ाकों की भर्ती करने की भी उम्मीद है.
लड़ाकों की लगातार बढ़ रही संख्या
आईएसआईएल के 500 से 1,500 लड़ाके होने का अनुमान जताया है और कहा गया है कि यह संख्या 10,000 तक बढ़ सकती है. संयुक्त राष्ट्र के एक सदस्य देश ने कहा कि आईएसआईएल-के गुप्त रूप से काम करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी संगठन का नेता शाहाब अल-मुहाजिर उर्फ सनाउल्लाह अल-सादिक कार्यालय के प्रमुख शेख तामिम के साथ सहयोग करता है.
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