तेहरान / दुबई : ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने नातांज परमाणु संयंत्र पर हमले के बाद यूरेनियम का 60 प्रतिशत तक संवर्धन करने का फैसला लिया है. उन्होंने यूरेनियम संवर्धन के फैसले को 'क्रूरता का जवाब' बताया है. उन्होंने इस घटना को विश्व शक्तियों के साथ खटाई में पड़े परमाणु समझौते पर वियना में चल रही वार्ता से भी जोड़ा है.
जानकारी के मुताबिक, नातांज परमाणु संयंत्र पर सप्ताहांत हुए हमले का संदेह इजराइल पर है, लेकिन रूहानी ने इस हमले पर अभी तक टिप्पणी नहीं की है. जबकि, यूरेनियम संवर्धन को लेकर दोनों देशों के बीच टकराव बढ़ सकता है. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वह ईरान को कभी परमाणु हथियार बनाने नहीं देंगे.
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रूहानी ने मंत्रिमंडल से कहा कि नातांज में बर्बाद हुई पहली पीढ़ी के आईआर-1 सेंट्रीफ्यूज के स्थान पर आधुनिक आईआर-6 सेंट्रीफ्यूज लाए जाएंगे जिससे यूरेनियम का संवर्धन और तेजी से होगा.
यूरेनियम का 60 प्रतिशत तक संवर्धन
उन्होंने कहा 'आप चाहते थे कि बातचीत के दौरान हमारे हाथ कुछ न लगे लेकिन हमारे हाथ भरे हुए हैं. यूरेनियम का 60 प्रतिशत तक संवर्धन करने का फैसला तुम्हारी क्रूरता का जवाब है. हम आईआर-6 सेंट्रीफ्यूज और 60 प्रतिशत संवर्धन के साथ आपके दोनों हाथ काट देंगे. आईआर-6 संपन्न यूरेनियम आईआर-1 से कहीं अधिक तेज है.'
आधुनिक सेंट्रीफ्यूज का निर्माण
गौरतलब है कि ईरान ने मंगलवार को घोषणा की थी कि वह नातांज परमाणु संयंत्र पर हुए हमले के जवाब में अब तक के सबसे अधिक स्तर पर यूरेनियम का संवर्धन करेगा. साथ ही उसने कहा कि वह 1,000 और आधुनिक सेंट्रीफ्यूज बनाएगा.
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अब तक महज 20 फीसद यूरेनियम संवर्धन
अधिकारियों ने शुरुआत में कहा था कि संवर्धन बुधवार को शुरू होगा. बहरहाल, अंतरराष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी (IAEA) में ईरान के दूत काजिम गरीबादादी ने बुधवार सुबह ट्वीट कर कहा कि संवर्धन बाद में शुरू हो सकता है. बता दें कि अब तक हथियार बनाने के लिए ईरान 20 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्द्धन कर रहा था.
परमाणु कार्यक्रम पर ईरान की दलील
ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है जबकि पश्चिमी देशों और IAEA का कहना है कि ईरान का 2003 के अंत तक संगठित सैन्य कार्यक्रम था.