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ईरानी तेल टैंकर पर मिसाइल हमले की आशंका

सऊदी तट के पास मिसाइल हमले में एक ईरानी तेल टैंकर क्षतिग्रस्त हो गया. खबरों में तेल की कीमतों में दो प्रतिशत से अधिक का उछाल बताया जा रहा है, जिससे तेल की आपूर्ति को लेकर चिंताएं बढ़ गयी हैं. यह हमला सऊदी अरब के तेल के दो सबसे बड़े कुंओं पर कुछ हफ्ते पहले हुए हमले के बाद हुआ है. पढ़ें पूरी खबर...

ईरानी तेल टैंकर सबीति

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Published : Oct 11, 2019, 10:55 PM IST

तेहरानः सऊदी तट के पास संभावित मिसाइल हमले में एक ईरानी तेल टैंकर क्षतिग्रस्त हो गया. टैंकर के मालिक ने यह जानकारी दी है. 'सबीति' नामक टैंकर-पोत राष्ट्रीय ईरानी टैंकर कंपनी (एन आई टी सी) का था.

शुक्रवार को कंपनी ने कहा कि जेद्दाह बंदरगाह के निकट सबीति के मुख्य भाग पर संभवतः किसी मिसाइल से दो बार हमले किये गए.

खबरों में तेल की कीमतों में दो प्रतिशत से अधिक का उछाल बताया गया है जिससे तेल की आपूर्ति को लेकर चिंताएं बढ़ गयी हैं. इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने बाजार में संतोषजनक स्थिति रहने के संकेत दिए हैं.

यह हमला सऊदी अरब के तेल के दो सबसे बड़े कुंओं पर कुछ हफ्ते पहले हुए हमले के बाद हुआ है. सऊदी के तेल के कुंओं पर हुए हमले के कारण तेल के वैश्विक उत्पादन का 5 प्रतिशत हिस्सा बर्बाद हो गया था.

ईरानी तेल टैंकर सबीति

एन आई टी सी ने कहा कि सऊदी तट से 100 किमी दूर स्थित टैंकर पर हमले के कारण दो विस्फोट हुए. कंपनी ने मिसाइल द्वारा हमले की आशंका जताई है. एन आई टी सी ने कहा कि चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं और क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत की जा रही है.

ईरान विदेश मंत्रालय ने सऊदी अरब का नाम न लेते हुए कहा है कि लाल सागर के पूर्व में स्थित गलियारे के निकट किसी स्थान से टैंकर पर हमला हुआ. टैंकर से तेल लीक हो रहा था.

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मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मुसावी ने कहा कि पर्यावरण को दूषित करने वाली इस घटना की जिम्मेदारी हमला करने वाले पर है और इस घटना की जांच जारी है.

ईरान के सरकारी टेलीविजन के अनुसार, विस्फोट का कारण आतंकी हमला हो सकता है. इससे पहले खाड़ी में जहाजों पर कई हमले हो चुके हैं. अमेरिका ने ईरान पर 'माइन' द्वारा हमले के आरोप लगाए थे जिन्हें ईरान ने सिरे से खारिज कर दिया था. पूर्व में ईरानी और पश्चिमी देशों के जहाजों पर हमले हो चुके हैं.

ईरानी तेल टैंकर सबीति

सऊदी के तेल के मुख्य ठिकानों पर यमन के विद्रोहियों द्वारा ईरान के साथ मिलकर हमले करने के आरोप लग चुके हैं जिन्हें ईरान ने नकार दिया था. इस हमले में वैश्विक तेल उत्पादन का पांच प्रतिशत समाप्त हो गया था.

तभी से अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, ब्रिटेन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के साथ नौसैनिक सहयोग किया है ताकि होर्मुज जलसंधि से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. ईरान के साथ सऊदी अरब के संबंध 2016 में खराब हो गए थे.

ईरानी टैंकर पर यह हमला पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के ईरान और सऊदी दौरे के पहले हुआ है. खान इस दौरे में ईरान और सऊदी के बीच संबंधों को सुधारने का प्रयास करेंगे. चीन ने सभी पक्षों से इस मुद्दे पर संयम रखने की अपील की है.

(एक्सट्रा इनपुट- पीटीआई)

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