दुबई : संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में एक भारतीय कारोबारी के अपनी कविता से 'इस्लामी भावनाएं आहत' करने के बाद मचे बवाल के बीच देश में तैनात भारतीय राजदूत पवन कुमार ने खाड़ी देश में रहने वाले प्रवासियों को कानून के शासन के महत्व की याद दिलाते हुए कहा कि इस तरह का व्यवहार हमारे नैतिक आचरण के खिलाफ है.
शारजाह स्थित 'एरीज ग्रुप' के संस्थापक अध्यक्ष एवं सीईओ सोहन रॉय ने एक 'इस्लामी भावनाएं आहत' करने वाली कविता पोस्ट की थी, जिसकी आलोचना के बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी.
राजदूत पवन कुमार ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस ट्वीट का हवाला दिया, जिसमें मोदी ने कहा था कि कोविड-19 वार करने से पहले नस्ल, धर्म, रंग, जाति, भाषा या सीमाएं नहीं देखता.
मोदी ने ट्वीट किया था कि हमें एकजुटता और भाईचारे के साथ इसका सामना करना चाहिए.
राजदूत ने ट्वीट किया कि भारत और यूएई किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं करते. उन्होंने कहा,' भेदभाव हमारे नैतिक आचरण और कानून के शासन के खिलाफ है. यूएई में मौजूद भारतीयों को हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए.'
गौरतलब है कि अपनी मातृ भाषा मलयालम में 'विद्दी जनमन' (मूर्ख का जीवन) शीर्षक वाली कविता में भारतीय कारोबारी रॉय ने कहा कि धर्म ने लोगों को अंधा बना दिया है क्योंकि वे ईश्वर के नाम पर कोरोना वायरस पाबंदियों की अनदेखी कर रहे हैं.