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गांजा शहर तक पहुंची आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच लड़ाई

आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच लड़ाई में दोनों देशों को नुकसान हो रहा है. अजरबैजान के अधिकारियों ने कहा कि आर्मीनिया के बलों ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर गांजा पर भी हमला किया है.

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27 सितंबर को शुरू हुआ था दोनों देशों के बीच संघर्ष

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Published : Oct 4, 2020, 11:04 PM IST

बाकू (अजरबैजान): अलगाववादी क्षेत्र नागोरनो-काराबाख को लेकर आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच लड़ाई अब भी जारी है और इसकी चपेट में अजरबैजान का दूसरा सबसे बड़ा शहर भी आ गया है.

अजरबैजान के राष्ट्रपति के सहयोगी ने किया वीडियो ट्वीट
अजरबैजान के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि आर्मीनिया के बलों ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर गांजा पर हमला किया है. वहीं अजरबैजान के राष्ट्रपति के सहयोगी हिकमेत हाजियेव ने एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें क्षतिग्रस्त इमारतें देखी जा सकती हैं. उन्होंने इसे गांजा में सघन आवासीय बस्तियों पर निशाना साधकर आर्मीनिया द्वारा किये गये बड़े मिसाइल हमलों का परिणाम बताया. हालांकि वीडियो की सत्यता की अभी पुष्टि नहीं हो सकी है.

रॉकेट से हमलों का दिया गया था आदेश
हाजियेव ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि गांजा तथा अजरबैजान के अन्य इलाकों में आर्मीनिया के क्षेत्रों से हमले किये गये. आर्मीनिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उनकी सरजमीं से अजरबैजान की दिशा में किसी तरह का हमला नहीं किया जा रहा है, लेकिन नागोरनो-काराबाख के नेता अरायिक हारुतयुन्यान ने फेसबुक पर इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने गांजा में सैन्य ठिकानों को नेस्तानाबूद करने के लिए रॉकेट से हमलों का आदेश दिया था.

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सैन्य हवाईअड्डे को किया तबाह
उनके प्रवक्ता वहराम पोघोस्यान ने कहा कि क्षेत्र की सेना ने गांजा में एक सैन्य हवाईअड्डे को तबाह कर दिया है. हालांकि, अजरबैजान के अधिकारियों ने इस दावे को खारिज कर दिया. अजरबैजान के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया कि शहर पर हमले में एक नागरिक की मौत हो गयी और चार अन्य घायल हो गये. हारुतयुन्यान ने कहा कि उन्होंने अपने बलों को गांजा पर हमले रोकने का आदेश दिया है, ताकि आम नागरिक हताहत नहीं हों. इससे पहले अजरबैजान के राष्ट्रपति ने शनिवार को कहा कि उनकी सेनाओं ने एक शहर और कई गांवों पर कब्जा कर लिया है, जबकि आर्मीनियाई अधिकारियों ने कहा कि उनकी सेना ने विरोधी पक्ष को भारी नुकसान पहुंचाया है.

27 सितंबर को शुरू हुई थी लड़ाई
इस क्षेत्र में 27 सितंबर को दोनों देशों के बीच संघर्ष शुरू हुआ था जो अजरबैजान के तहत आता है, लेकिन इस पर स्थानीय आर्मीनियाई बलों का नियंत्रण है. यह 1994 में खत्म हुए युद्ध के बाद इस इलाके में सबसे गंभीर संघर्ष है. अजरबैजान के रक्षा मंत्री जाकिर हासानोव ने रविवार को एक बयान में कहा कि आर्मीनिया से अजरबैजान के क्षेत्रों पर हमले करना पूरी तरह उकसावे वाली कार्रवाई है.

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दोनों देशों को हो रहा काफी नुकसान
इससे पहले आर्मीनिया के रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता सूसन स्टेपेनियन ने कहा कि शनिवार को समूचे अग्रिम क्षेत्र में भारी लड़ाई जारी रही और आर्मीनियाई सेना ने तीन विमानों को मार गिराया. नागोरनो-काराबाख के अधिकारियों ने कहा कि उनके पक्ष के अब तक 200 से ज्यादा सैनिकों की मौत हो चुकी है. अजरबैजान के अधिकारियों ने अपनी तरफ के हताहत सैनिकों का विवरण नहीं दिया है, लेकिन कहा कि उनके यहां 22 नागरिकों की जान जा चुकी है जबकि 74 अन्य घायल हुए हैं.

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