काबुल : अफगानिस्तान में राजनीतिक लड़ाई के सत्ता साझेदारी समझौते पर पहुंचने के बाद पहली बार अमेरिकी के शांति दूत काबुल पहुंचे हैं और उनकी यात्रा देश में हिंसा बढ़ जाने के बीच हो रही है.
इस हिंसा के लिए मौटे तौर पर इस्लामिक स्टेट को जिम्मेदार ठहराया गया है और अमेरिका के बढ़े हुए बम हमलों में यही संगठन निशाने पर है.
अमेरिका के शांतिदूत जलमय खलीलजाद ने बृहस्पतिवार को अपने ट्वीटों में सप्ताह के प्रारंभ में दोहा में तालिबान प्रतिनिधियों के साथ तथा बुधवार को अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी एवं साथी नेता अब्दुला अब्दुला के साथ हुई बैठकों का जिक्र किया. इन सभी का लक्ष्य फरवरी में हुई अमेरिका-तालिबान संधि में जान फूंकना है.
खलीलजाद ने अफगानिस्तान के लंबे संघर्ष के सभी पक्षों से हिंसा में कमी लाए जाने की अपील की. अमेरिका की सेना 19 सालों से इस संघर्ष में उलझी हुई है.