बैंकॉक : विश्व हिंदू सम्मेलन में सनातन धर्म को संदर्भित करने के लिए शुक्रवार को हिंदुत्व और हिंदू धर्म शब्दों को अपनाया गया. इसके साथ ही, हिंदूवाद (हिंदुइज्म) शब्द त्यागने का तर्क देते हुए कहा कि यह शब्द दमन और भेदभाव को दर्शाता है.
तीसरी विश्व हिंदू कांग्रेस (डब्ल्यूएचसी) ने यहां एक घोषणापत्र को अंगीकार किया गया जिसमें कहा गया कि हिंदुत्व शब्द अधिक सटीक है क्योंकि इसमें हिंदू शब्द के सभी अर्थ शामिल हैं.
डब्ल्यूएचसी के विचार-विमर्श के पहले दिन के अंत में अंगीकार किए गए घोषणापत्र में कहा गया, 'हिंदू धर्म शब्द में पहला शब्द अर्थात् हिंदू एक असीमित शब्द है. यह उन सभी का प्रतीक है जो सनातन या शाश्वत है. और फिर धर्म है, जिसका अर्थ है वह, जो कायम रखता है.'
इसमें कहा गया है कि इसके विपरीत, हिंदूवाद (हिंदुइज्म) पूरी तरह से अलग है क्योंकि इसमें 'इज्म' जुड़ा हुआ है, जो एक दमनकारी और भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण या विश्वास के रूप में परिभाषित शब्द है.
घोषणापत्र में कहा गया है, 'इसी वजह से हमारे कई बुजुर्गों ने हिंदूवाद की तुलना में हिंदुत्व शब्द को प्राथमिकता दी क्योंकि हिंदुत्व अधिक सटीक शब्द है, इसमें हिंदू शब्द के सभी अर्थ शामिल हैं. हम उनसे सहमत हैं और हमें भी ऐसा ही करना चाहिए.' यह घोषणापत्र ऐसे समय अपनाया गया है, जब कुछ समय पहले द्रमुक नेताओं ने 'सनातन का उन्मूलन' विषय पर एक संगोष्ठी में सनातन धर्म के बारे में कुछ विवादास्पद टिप्पणियां की थीं.
घोषणापत्र में कहा गया कि हिंदुत्व कोई जटिल शब्द नहीं है और इसका सीधा सा मतलब हिंदू से संबंधित है. घोषणापत्र में कहा गया, 'अन्य लोगों ने विकल्प के तौर पर 'सनातन धर्म' का उपयोग किया है, जिसे संक्षिप्त में अक्सर सनातन कहा जाता है. यहां सनातन शब्द हिंदू धर्म की शाश्वत प्रकृति को इंगित करने वाले विशेषण के रूप में काम करता है.'
घोषणापत्र में कहा गया कि कई शिक्षाविद और बुद्धिजीवी अज्ञानतावश हिंदुत्व को हिंदू धर्म के विपरीत के तौर पर चित्रित करते हैं. इसमें कहा गया, 'लेकिन अधिकांश लोग हिंदू धर्म के प्रति अपनी गहरी नफरत और पूर्वाग्रहों के कारण हिंदुत्व विरोधी हैं. राजनीतिक एजेंडे और व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों से प्रेरित कई नेता भी उस समूह में शामिल हो गए हैं और कटुता के साथ सनातन धर्म या सनातन की आलोचना कर रहे हैं.'