वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने ‘घरेलू आतंकवाद’ और ‘श्वेत वर्चस्ववाद के जहर’ समेत सभी रूपों में घृणा को शिकस्त देने के लिए अमेरिका में बंदूक की हिंसा कम करने तथा हथियारों पर रोक लगाने का आह्वान किया है. इसके साथ ही उन्होंने 2012 में विस्कॉन्सिन में एक सिख गुरुद्वारे पर हुए हमले की दसवीं बरसी पर इस जघन्य कृत्य की निंदा भी की. गौरतलब है कि पांच अगस्त 2012 को एक श्वेत वर्चस्ववादी ने विस्कॉन्सिन में ओक क्रीक गुरुद्वारे के भीतर गोलियां चलायी थी. जिसमें छह लोगों की मौत हो गयी थी.
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इस हमले में नि:शक्त हुए सातवें व्यक्ति की उसकी चोटों के कारण 2020 में मौत हो गयी थी. बाइडन ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि ओक क्रीक गोलीबारी हमारे देश के इतिहास में सिख अमेरिकियों पर सबसे जानलेवा हमला था. यह दुख की बात है कि हमारे देश के प्रार्थना स्थलों पर हमले पिछले दशक से आम हो गए हैं. यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इस नफरत को नकार दें. जब कोई इबादत में अपना सिर झुकाता है तो उसे अपनी जान का खतरा नहीं होना चाहिए.
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राष्ट्रपति ने कहा कि ओक क्रीक घटना ने 'हमें एक राह' दिखायी और उन्होंने यह याद किया कि कैसे हमले के बाद सिख समुदाय अपने गुरुद्वारे में लौट आया था और खुद से इसे साफ-सुथरा करने पर जोर दिया था. उन्होंने कहा कि शाश्वत आशावाद की भावना से प्रेरित होकर हमें बंदूक की हिंसा कम करने और साथी अमेरिकियों को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाते रहने चाहिए. हमें प्रार्थना स्थलों की रक्षा करने और घरेलू आतंकवाद तथा श्वेत वर्चस्ववाद के जहर समेत नफरत के सभी रूपों को हराने के लिए और कदम उठाने चाहिए.