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जैंटेक या रैनिटिडीन दवा से कैंसर होने का दावा गलत : अमेरिकी कोर्ट - usa court florida zinetec

अमेरिका की एक जिला अदालत ने जैंटेक या रैनिटिडीन दवा को पूरी तरह से सुरक्षित घोषित किया है. अदालत ने कहा कि इस दवा से कैंसर नहीं फैलता है. कोर्ट ने कहा कि जैंटैक और कैंसर के बीच संबंध का आरोप लगाने वाले मुकदमों को खारिज किया जाना विज्ञान पर आधारित है.

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जैंटेक

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Published : Dec 13, 2022, 6:14 PM IST

वाशिंगटन : फ्लोरिडा की एक जिला अदालत ने जैंटैक (रैनिटिडीन) और कैंसर के बीच संबंध होने का आरोप लगाने वाली लगभग 2,500 मुकदमों को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अभियोगी द्वारा संघीय अदालत में दायर मुकदमे गलत विज्ञान पर आधारित थे और इस दवा का कैंसर से संबंध स्थापित नहीं किया जा सका. जैंटैक (रैनिटिडीन) पर लंबित मुकदमों को लेकर अमेरिकी जिला अदालत का फैसला साबित करता है कि विज्ञान प्रचार पर हावी है.

फैसले ने हजारों मुकदमों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कोई जैंटैक और कैंसर के बीच संबंध स्थापित नहीं होता. फैसले ने निष्कर्ष निकाला कि उपभोक्ताओं ने विभिन्न प्रकार के कैंसर के लिए जैंटैक को गलत तरीके से दोषी ठहराया गया जो कि विज्ञान आधारित नहीं था. विशेषज्ञ प्रोडक्ट और फेफड़ों, लिवर और गुर्दे के कैंसर सहित बीमारियों के बीच कोर्ट में संबंध स्थापित नहीं कर सके.

रैनिटिडीन चार दशकों से अधिक समय से अस्तित्व में है और कई वर्षो से डब्ल्यूएचओ की आवश्यक दवाओं की सूची में है. प्रोडक्ट प्रभावकारिता और सुरक्षा पर पर्याप्त वास्तविक साक्ष्य डेटा है. दुनिया भर के मरीज रेनिटिडाइन का सेवन करते रहे हैं.

यूएस फेडरल कोर्ट द्वारा रैनिटिडीन और कैंसर के बीच संबंध का आरोप लगाने वाले मुकदमों को खारिज करते हुए कोलकाता में पीयरलेस हॉस्पिटल और बीके रॉय रिसर्च सेंटर, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ जे आर महापात्रा ने कहा, 'जैंटैक (रैनिटिडीन) और कैंसर के बीच संबंध का आरोप लगाने वाले मुकदमों को खारिज किया जाना विज्ञान पर आधारित है, रैनिटिडीन दशकों से पेट के एसिड के उत्पादन को कम करने के लिए काफी प्रभावी और सुरक्षित भी पाया गया है. मैं 1990 से मरीजों को रैनिटिडीन लिख रहा हूं,'

भारत में जब आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) से जैंटैक (रैनिटिडीन) सहित 26 दवाओं को हटा दिया गया था, तो सरकारी अधिकारियों ने स्पष्ट किया था कि इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं, लेकिन लागत-प्रभावशीलता और दूसरे बेहतर दवाओं की उपलब्धता जैसे अन्य पैरामीटर की वजह से ऐसा किया गया है. एटेनोलोल, एरिथ्रोमाइसिन, रैनिटिडीन जैसे कई दूसरे अणु जो एनएलईएम से बाहर हैं, चार दशकों से अधिक समय से सुरक्षित और प्रभावी हैं. जैसा कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों में भी कहा गया है, इन अणुओं के साथ कोई साइड इफेक्ट या कैंसर की चिंता नहीं है.

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ये फैसला दवा कंपनियों जीएसके, फाइजर, सनोफी और बोहेरिंगर इंगेलहेम के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है. अगर रेनिटिडाइन का कैंसर से संबंध साबित हो जाता तो इन कंपनियों को अरबों डॉलर का हर्जाना देना पड़ता. नए मुकदमे से पता चलता है कि जैंटैक और कैंसर के बीच संबंध के बारे में कोई मजबूत विज्ञान-समर्थित सबूत नहीं है, जो एक सकारात्मक कदम है जो बाजार में जेनेरिक दवाओं को बहाल करने में मदद कर सकता है.
(आईएएनएस)

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