वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने देश में गर्भपात पर रोक लगाने के शासकीय आदेश पर शुक्रवार को हस्ताक्षर कर दिए. हालांकि, उन्होंने गर्भपात के संवैधानिक अधिकार पर रोक लगाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश की आलोचना करते हुए लोगों से इस फैसले से निराश न होने की अपील की. बाइडन ने कहा कि गर्भपात के अधिकार को कायम रखने का सबसे त्वरित तरीका एक राष्ट्रीय कानून पारित करना है. इसके लिए मतदान कराने की चुनौती है. अच्छी बात यह है कि नवंबर में चुनाव होने वाले हैं.
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शासकीय आदेश पर बाइडन के हस्ताक्षर के बाद न्याय मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मंत्रालय को महिलाओं को गर्भपात कराने या उन राज्यों की यात्रा करने से रोकने का अधिकार मिल गया है, जहां गर्भपात कराने पर पूरी तरह से पाबंदी नहीं है. अमेरिका के कुछ राज्यों में अब भी गर्भपात की अनुमति है, लेकिन इसके लिए कड़ी शर्तों का पालन करना होगा. रूजवेल्ट रूम में हस्ताक्षर करते समय बाइडन के साथ उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मंत्री जेवियर बेकेरा और उप अटॉर्नी जनरल लीसा मोनाको मौजूद थीं.
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गौरतलब है कि अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने 24 जून को गर्भपात के लिए संवैधानिक संरक्षण को समाप्त कर दिया था. अदालत का फैसला अधिकतर अमेरिकियों की इस राय के विपरीत था कि 1973 के रो बनाम वेड फैसले को बरकरार रखा जाना चाहिए जिसमें कहा गया था कि गर्भपात कराना या न कराना, यह तय करना महिलाओं का अधिकार है. इससे अमेरिका में महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात का अधिकार मिल गया था.