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US Ambassador To India: सीनेट समिति ने भारत में यूएस राजदूत के रूप में एरिक गार्सेटी के नामांकन के पक्ष में दिया वोट

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Published : Mar 9, 2023, 9:57 AM IST

यूएस की सीनेट समिति ने भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में एरिक गार्सेटी के नामांकन के पक्ष में वोट किया है. गार्सेटी लॉस एंजिलिस के पूर्व मेयर हैं.

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वाशिंगटन : अमेरिका की एक प्रमुख सीनेट समिति ने बुधवार को भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में एरिक गार्सेटी के नामांकन को आगे बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया. संबंधित प्रस्ताव के पक्ष में 13, जबकि विरोध में आठ वोट पड़े. गार्सेटी (52) लॉस एंजिलिस के पूर्व मेयर हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उन्हें जुलाई 2021 में भारत में अमेरिकी राजदूत के पद के लिए नामित किया था. अमेरिकी संसद में इस प्रतिष्ठित पद के लिए उनका नामांकन तभी से लंबित है. सीनेट की विदेशी संबंध मामलों की समिति ने बुधवार को हुई अपनी बैठक में गार्सेटी के नामांकन को आठ के मुकाबले 13 मतों से मंजूरी दी. अब उनके नामांकन पर सीनेट में मतदान होगा.

रिपब्लिकन पार्टी के दो सांसदों-टॉड यंग और बिल हैगर्टी ने बुधवार दोपहर गार्सेटी के नामांकन का समर्थन किया. उन्होंने सीनेट समिति के माध्यम से डेमोक्रेट सांसदों के साथ मिलकर उक्त प्रस्ताव को आगे बढ़ाने पर मुहर लगाई. बाइडन के राष्ट्रपति कार्यकाल के शुरुआती दो वर्षों में गार्सेटी के नामांकन को इसलिए मंजूरी नहीं मिल सकी, क्योंकि कुछ सांसदों ने यह कहते हुए उनकी नियुक्ति का विरोध किया था कि वह मेयर रहने के दौरान अपने एक वरिष्ठ सलाहकार पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से प्रभावी ढंग से निपटने में नाकाम रहे थे. रिपब्लिकन सीनेटर चक ग्रासले ने इस सप्ताह गार्सेटी के खिलाफ मतदान करने का आह्वान किया था.

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इस बीच, रिपब्लिकन सांसद यंग ने गार्सेटी के पक्ष में मतदान करने के फैसले का बचाव किया. उन्होंने कहा, "चीन से निपटने और पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के साथ काम करने के लिए भारत में तुरंत एक राजदूत की नियुक्ति करना हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हित में है... उनका (गार्सेटी का) अनुभव भले ही उपयुक्त नहीं है, लेकिन वह इस जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक निभाने का कौशल रखते हैं." वहीं, सीनेट की विदेशी संबंधों से जुड़े मामलों की समिति के सबसे वरिष्ठ सदस्य जिन रिश्च ने कहा, "हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी मिशन प्रमुख हर हाल में हमारे विदेश सेवा अधिकारियों और दूतावास के कर्मचारियों को सभी प्रकार के उत्पीड़न से बचाएगा."

(पीटीआई-भाषा)

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