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UNSC को भारत जैसे देशों सहित सुरक्षा परिषद में बेहतर प्रतिनिधियों की जरूरत: UNGA चीफ

UNGA चीफ साबा कोरोसी ने भारत पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि अतीत में भारत सबसे बड़े देशों में शामिल नहीं था, लेकिन भविष्य निश्चित रूप से अतीत से बेहतर ही होगा. उन्होंने कहा कि आज दुनिया के सबसे बड़े देशों में भारत भी एक है.

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Published : Jun 20, 2023, 7:33 AM IST

न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के लिए भारत की उम्मीदवारी पर साबा कोरोसी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने भारत को संभावित महाशक्ति देश बताया है. यूएनजीए प्रमुख ने कहा कि जनसंख्या, अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मामले में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. दुनिया की भलाई के लिए यूएनएससी को भारत जैसे देशों से प्रतिनिधियों की आवश्यकता है. बात एएनआई से एक विशेष साक्षात्कार के दौरान कोरोसी ने कही है.

भारत जैसे देशों के प्रतिनिधि जरूरी : उन्होंने भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने कहा, "सदस्य राज्यों के बीच धारणा बनी है कि सुरक्षा परिषद में बेहतर प्रतिनिधियों की जरूरत है, जिनमें उन देशों को शामिल किया गया है, जिनके पास विश्व शांति और लोगों के हित के प्रति बड़ी जिम्मेदारी है. ऐसे में भारत विश्व कल्याण में अपना योगदान दे सकता है. कोरोसी ने कहा कि हालांकि, अतीत में जब यूएनएससी बनाया गया था उस समय भारत "सबसे बड़े देशों" में शामिल नहीं था. लेकिन भविष्य निश्चित रूप से अतीत से बेहतर ही होगा.

पीएम मोदी का कोरोसी पर गहरा प्रभाव :उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बैठक को भी याद किया और कहा, "मैं कुछ महीने पहले नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मिला था, और हमारी बैठक के बाद मैं उनसे काफी प्रभावित हुआ. पीएम मोदी एक दूरदृष्टि वाले, रणनीतिक सोच और एक राष्ट्र की बहुत गहरी परंपरा को अपने साथ लाने वाले शख्स हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी खुद में स्पष्ट हैं कि आधुनिक भारत कैसा होना चाहिए. ऐसी शख्सियत से मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई है. संयुक्त राष्ट्र में उनका बहुत स्वागत है. वह दुनिया के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक हैं. भारत दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक है."

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यूएनएससी में सुधार होगा : उन्होंने कहा, "सुधार का मामला 13 वर्षों से बातचीत की प्रक्रिया में है. सुरक्षा परिषद में सुधार की संभावित आवश्यकता पर पहली चर्चा 40 साल पहले शुरू हुई थी. तो यह वास्तव में वक्त आ गया है कि एक निर्णय पर पहुंचा जाए, लेकिन यह सदस्य राज्यों के हाथों में है. यदि सदस्य राज्य इस बात पर सहमत हो जाएं कि सुरक्षा परिषद में सुधार कैसे किया जाए." उन्होंने कहा, "भारत सुरक्षा परिषद के शुरुआती सुधारों के लिए शायद सबसे सक्रिय अधिवक्ताओं में से एक है."

(एएनआई)

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