जेरूसलम : इजरायल ने मध्य गाजा पट्टी में अपने जमीनी हमले तेज करने की घोषणा की है. वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि हमलों में वृद्धि युद्धग्रस्त फिलिस्तीनी क्षेत्र में "विनाशकारी" मानवीय संकट को बढ़ा रही है. इजरायल ने पहले गाजा के निवासियों से उत्तरी क्षेत्र से मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों में जाने का आग्रह किया था, जिसे उसने "सुरक्षित क्षेत्र" बताया था. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, इजरायली सेना ने बाद में मध्य और दक्षिणी हिस्सों सहित पूरी पट्टी पर अपने हमले बढ़ा दिए.
मंगलवार को एक बयान में, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता सेफ मगांगो ने बताया कि 24-25 दिसंबर को मध्य गाजा में 50 से अधिक हमले हुए, जिसमें ब्यूरिज, नुसीरात और मघाजी के शरणार्थी शिविरों को निशाना बनाया गया, जहां सात आवासीय इमारतों पर हमला हुआ, जिसमें कम से कम 86 लोग मारे गए. मागांगो ने कहा, "माना जा रहा है कि अभी भी अज्ञात संख्या में लोग मलबे में फंसे हुए हैं."
मगांगो ने कहा कि बढ़ी हुई इज़रायली बमबारी, "पहले से ही विनाशकारी मानवीय स्थिति को और गंभीर कर रही है". तीन शिविरों को जोड़ने वाली सभी सड़कें नष्ट हो गईं, जिससे राहत सहायता वितरण में बाधा उत्पन्न हुई. आश्रय और अस्पताल, न्यूनतम क्षमता पर काम कर रहे हैं, गंभीर भीड़भाड़ और सीमित संसाधनों से जूझ रहे हैं. फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया है कि 81 दिन के संघर्ष के दौरान लगभग 21,000 लोग - मुख्य रूप से बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग मारे गए हैं - जबकि हजारों लोग लापता हैं और माना जाता है कि वे मलबे के नीचे दबे हुए हैं. 23 लाख आबादी में से अधिकांश विस्थापित हो गए हैं, और संयुक्त राष्ट्र ने व्यापक भूखमरी की रिपोर्ट दी है.
गाजा शरणार्थी शिविरों में हमास आतंकवादी !
इस बीच, एक इजरायली सैन्य प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) का मानना है कि "हजारों" हमास आतंकवादी मध्य गाजा के शरणार्थी शिविरों में हैं. IDF चीफ ऑफ जनरल स्टाफ हरजी हलेवी ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमले अब मध्य और दक्षिणी गाजा पर केंद्रित होंगे. हलेवी के अनुसार, सेना "उत्तरी गाजा पट्टी में हमास की बटालियनों को नष्ट करने के करीब है."
उन्होंने कहा कि सेना ने "कई" आतंकवादियों और हमास कमांडरों को मार डाला, कुछ ने इजरायली बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और "सैकड़ों" को बंदी बना लिया गया. हालाँकि, "यह नहीं कहा जा सकता कि हमने उन सभी को मार डाला. ऐसा लगता है कि इस क्षेत्र में अभी भी हमारा लड़ाकों से सामना होगा." उन्होंने स्वीकार किया कि चल रहे हमले से सैनिकों के जीवन पर "भारी और दर्दनाक नुकसान" हुआ है. आधिकारिक आंकड़ों से संकेत मिलता है कि इजरायल के जमीनी आक्रमण की शुरुआत के बाद से मारे गए उसके अपने सैनिकों की संख्या 161 तक पहुंच गई है.