बाली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर ब्रिटेन के अपने समकक्ष ऋषि सुनक से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-यूके व्यापक रणनीतिक साझेदारी की स्थिति और भविष्य के संबंधों के लिए रोडमैप 2030 पर प्रगति पर संतोष व्यक्त किया. बैठक के बाद ऋषि सुनक ने कहा कि हम भारत के साथ व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हमें इन चीजों को ठीक करने की जरूरत है. भारत की जी20 की अध्यक्षता को लेकर ऋषि सुनक ने कहा कि भारत के जी20 की अध्यक्षता संभालने को लेकर उत्साह है.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'दोनों नेताओं ने जी20 और राष्ट्रमंडल सहित द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर एक साथ काम करने के महत्व की सराहना की.' सुनक के पिछले महीने पद संभालने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात थी. मोदी ने सुनक को पद संभालने पर बधाई दी. दोनों नेताओं के बीच व्यापार, गतिशीलता, रक्षा और सुरक्षा जैसे सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा हुई.
इससे पहले बुधवार को सुनक ने हर साल यूके में काम करने वाले भारत के युवा पेशेवरों के लिए 3,000 वीजा को मंजूरी दी थी. यूके के प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, भारत इस तरह की योजना से लाभान्वित होने वाला पहला वीजा-राष्ट्रीय देश है, जो यूके-इंडिया माइग्रेशन और मोबिलिटी पार्टनरशिप की ताकत को उजागर करता है.
मोदी की इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी से मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बाली जी20 शिखर सम्मेलन से इतर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और आतंकवाद का मुकाबला करने सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. मोदी ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री मेलोनी के साथ शानदार मुलाकात. ऊर्जा, रक्षा, संस्कृति और जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देने जैसे क्षेत्रों में भारत और इटली मिलकर काम कर सकते हैं, इस पर हमने विचारों का आदान-प्रदान किया.'
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा कि दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'बाली में इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बैठक हुई. व्यापार, निवेश, आतंकवाद से निपटने और लोगों से लोगों के बीच संबंधों जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाये जाने का आह्वान किया गया. साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रम पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया.'(इनपुट-भाषा)