अंकारा/दमिश्क: तुर्की और सीरिया में आए घातक भूकंप के कारण ढहे इमारतों के मलबे से शवों का निकलने का सिलसिला जारी है. राहत बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है. बचाव दल ने शुक्रवार (स्थानीय समय) को तुर्की-सीरिया भूकंप के मलबे से बच्चों को निकाला. वहीं, मरने वालों की संख्या 24,000 से अधिक हो गई.
दो दशकों में इस क्षेत्र में सबसे घातक भूकंप से होने वाली मौतों की पुष्टि 24,000 से अधिक हो गई. दक्षिणी तुर्की और उत्तर-पश्चिम सीरिया के इलाके भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित हुए. इस बीच, राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा कि अधिकारियों को इस सप्ताह के भीषण भूकंप पर तेजी से प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी.
एर्दोगन ने शुक्रवार को तुर्की के आदियामान प्रांत का दौरा किया, जहां उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार की प्रतिक्रिया उतनी तेज नहीं थी जितनी कि हो सकती थी. उन्होंने कहा,' हालांकि हमारे पास अभी दुनिया भर से आए सबसे बड़ी खोज और बचाव टीम है, यह एक वास्तविकता है कि खोज प्रयास उतने तेज नहीं हैं जितना हम चाहते थे.'
एर्दोगन 14 मई को होने वाले मतदान में फिर से चुनाव के लिए खड़े हैं और उनके विरोधियों ने उन पर हमला करने के लिए इस मुद्दे को भुनाना शुरू कर दिया है. आपदा के कारण अब चुनाव टल सकता है. सहायता और बचाव के प्रयासो में देरी का असर आगामी चुनाव में देखने को मिल सकता है. एर्दोगन के लिए भूकंप से पहले भी सत्ता में दो दशकों में वोट उनकी सबसे कठिन चुनौती थी. ऐसी स्थिति में उन्होंने एकजुटता का आह्वान किया और राजनीतिक हित के लिए नकारात्मक अभियान की निंदा की.
तुर्की की मुख्य विपक्षी पार्टी के प्रमुख केमल किलिकडारोग्लू ने सरकार की प्रतिक्रिया की आलोचना की. किलिकडारोग्लु ने एक बयान में कहा, 'भूकंप बहुत बड़ा था, लेकिन भूकंप से बहुत बड़ा समन्वय की कमी, योजना की कमी और अक्षमता थी.' एसएमएच की रिपोर्ट के अनुसार, सैकड़ों और लोग बेघर हो गए हैं और भीषण सर्दी की स्थिति में भोजन की कमी हो गई है और दोनों देशों के नेताओं को उनकी प्रतिक्रिया के बारे में सवालों का सामना करना पड़ा है.
दर्जनों देशों की टीमों सहित बचावकर्मियों ने मलबे में दबे लोगों को खोजने के लिए रात-दिन कड़ी मेहनत कर रहे हैं. कड़ाके की ठंड में वे मौन रहकर उनकी आवाज सुनने की कोशिश करते है जो अभी भी मलबे के नीचे दबे हैं और जीवित हैं ताकि समय रहते उन्हें बचाया जा सके. संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी कि पूरे तुर्की और सीरिया में कम से कम 870,000 लोगों को तत्काल भोजन की आवश्यकता है.
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अकेले सीरिया में 53 लाख लोग बेघर हो सकते हैं. शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के सीरिया प्रतिनिधि शिवंका धनपाला ने कहा, 'यह एक बड़ी संख्या है और पहले से ही बड़े पैमाने पर विस्थापन से पीड़ित आबादी है.' सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद ने भूकंप के बाद से प्रभावित क्षेत्रों में अपनी पहली यात्रा की, अपनी पत्नी अस्मा के साथ अलेप्पो के एक अस्पताल का दौरा किया. उनकी सरकार ने देश के 12 साल के गृहयुद्ध की अग्रिम पंक्ति में मानवीय सहायता वितरण को भी मंजूरी दे दी. रिपोर्ट के अनुसार, विश्व खाद्य कार्यक्रम ने पहले कहा था कि युद्ध की स्थिति के कारण विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिम सीरिया में इसका स्टॉक खत्म हो रहा था.
(एएनआई)