अंकारा (तुर्की) : तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन को अपने दो दशकों में सत्ता में अभी तक की सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. रविवार को एक ऐतिहासिक चुनाव में लाखों लोगों ने मतदान किया. राज्य द्वारा संचालित अनादोलू समाचार एजेंसी के नवीनतम आंकड़े एर्दोगन की बढ़त को 50 प्रतिशत से कम और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी केमल किलिकडारोग्लू को 44 प्रतिशत से अधिक दिखा रहे हैं. यदि दोनों में से किसी को भी बहुमत नहीं मिलता है, तो वे अपवाह (रन ऑफ) में चले जाएंगे. सत्ता में आने के बाद से एर्दोगन को कभी भी रन ऑफ का सामना नहीं करना पड़ा है.
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राज्य द्वारा संचालित अनादोलु एजेंसी के अनुसार, प्रारंभिक अनौपचारिक परिणामों में राष्ट्रपति एर्दोगन को 49.94 प्रतिशत वोट मिलते नजर आ रहे हैं. एजेंसी ने बताया कि यह रिपोर्ट तबकि है जब केवल 89 प्रतिशत मतपेटियां खुली हैं. तुर्की के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अंतिम मतदान राष्ट्रपति चुनाव 28 मई को होंगे. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, विपक्षी नेताओं ने अनादोलू के आंकड़ों को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि वे भ्रामक हैं. रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (सीएचपी) के अध्यक्ष किलिकडारोग्लू ने जोर देकर कहा है कि वह चुनाव जीत रहे हैं.
विपक्षी उम्मीदवार केमल किलिकडारोग्लू ने राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन पर कई आरोप भी लगाये है. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ जस्टिस एंड डेवलपमेंट (एके) पार्टी पर अंकारा और इस्तांबुल सहित विपक्षी गढ़ों में पुनर्गणना की मांग कर परिणामों में देरी करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने अंकारा में पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि एर्दोगन मतगणना को अवरुद्ध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरे प्रिय राष्ट्र मैं आपको बताना चाहता हूं कि जहां हमारे पास जहां-जहां अधिक वोट हैं वे बार-बार आपत्तियों के पुनर्गणना की मांग कर मतगणना को प्रभावित कर रहे हैं.