दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

काबुल में आत्मघाती हमले में तालिबानी नेता रहीमुल्ला हक्कानी की मौत

काबुल में आज हुए आत्मघाती हमले में तालिबानी नेता शेख रहीमुल्ला हक्कानी की मौत हो गई है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं सका है कि रहीमुल्ला की मौत तालिबान की अंदरूनी रंजिश के कारण हुई है.

Sheikh Rahimullah Haqqani
तालिबानी नेता रहीमुल्ला हक्कानी

By

Published : Aug 11, 2022, 6:02 PM IST

Updated : Aug 11, 2022, 6:55 PM IST

काबुल:अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुवार को किए गए आत्मघाती हमले में तालिबानी नेता शेख रहीमुल्ला हक्कानी की मौत हो गई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आत्मघाती हमला उस समय किया गया जब हक्कानी काबुल में मदरसे में हदीस पढ़ा रहा था. तालिबान सरकार के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने शेख रहीमुल्लाह हक्कानी के मारे जाने की पुष्टि की है. करीमी ने कहा, ये बड़े दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि देश की बड़ी अकादमिक शख्सियत शेख रहीमुल्ला हक्कानी ने दुश्मन के क्रूर हमले में शहादत को गले लगा लिया है.

अफगानिस्तान की राजधानी में जिस जिले में विस्फोट हुआ, वहां के खुफिया विभाग के प्रमुख अब्दुल रहमान ने भी शेख रहीमुल्ला हक्कानी की मौत की पुष्टि की है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये हमला अफगानिस्तान की राजधानी में एक मदरसे में हुआ, जब एक व्यक्ति ने अपने प्लास्टिक के कृत्रिम पैर में छिपे विस्फोटकों से वहां विस्फोट कर दिया. ये स्पष्ट नहीं हो पाया कि विस्फोट के पीछे कौन है. हक्कानी कभी नंगरहार प्रांत में तालिबान सैन्य आयोग के सदस्य के रूप में संबद्ध था. उसे अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य बलों द्वारा बगराम जेल में कैद किया गया था.

बता दें कि रहीमुल्ला हक्कानी पर इससे पहले भी हमले हुए थे, जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसपर यह हमला अक्टूबर 2020 में हुआ था. हालांकि हक्कानी पर यह हमला तीसरी बार हुआ. साल 2013 में उसके काफिले पर पेशावर के रिंग रोड पर बंदूकधारियों ने उसपर हमला किया था लेकिन वो सुरक्षित बच निकलने में कामयाब रहा था. शेख रहीमुल्लाह हक्कानी पाकिस्तान सीमा के पास नंगरहार प्रांत के पचिर अव अगम ज़िले का रहने वाला था.

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार वो 9 साल से पाकिस्तान में रह रहा था. उसने कुछ सालों पहले मदरसा ज़ुबेरी की स्थापना की थी जहां सैकड़ों की संख्या में छात्र और शिक्षक हैं. रहीमुल्ला हक्कानी का बजाब्ता एक फेसबुक पेज भी था जहां वो हदीस के बारे में बातें करता था. उसका एक यूट्यूब चैनल भी था जहां वो हदीस और हनफी और देओबंदी को प्रमुखता से प्रमोट करता था. उसके पाकिस्तान और अफगानिस्तान में काफी फॉलोअर्स थे.

ये भी पढ़ें - अफगानिस्तान में रहस्यमय धमाके में शीर्ष टीटीपी कमांडर समेत चार की मौत

Last Updated : Aug 11, 2022, 6:55 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details